सड़कों पर जमाया कब्जा, रोज होता है विवाद
नागपुर. शहर में महानगरपालिका का अतिक्रमण उन्मूलन अभियान जारी है. अतिक्रमण तोड़ू दस्ते का खौफ अतिक्रमणकारियों में साफ देखा जा रहा है लेकिन इस दस्ते की नजर शायद सतरंजीपुरा पर नहीं पड़ी है. यही कारण है कि यहां की सड़कें अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई हैं और सिकुड़कर गली में तब्दील हो गई हैं. यहां पर लोगों को चलने तक लिए जगह नहीं बची है. ऐसे में रोजाना इस परिसर में विवाद होना आम बात हो गई है.
सतरंजीपुरा छोटी मस्जिद रोड से साबुन कारखाना, भंडारा रोड स्थित इलाके में 10 फुट का मार्ग है. इस पर भी करीब 10 से 15 गैरेज वालों और ट्रान्सपोर्ट व्यवसायियों ने दोनों ओर से अतिक्रमण कर रखा है. इसके अलावा छोटे-बड़े दूकानदारों ने तो बचे हुए पूरे फुटपाथ को ही कब्जा रखा है. इसी सड़क से रोजाना छोटे-बड़े वाहन दिन-रात आना जाना करते हैं. इसके चलते यहां पर सुबह-शाम ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्माण होती है. बावजूद इसके यहां पर पुलिस के यातायात विभाग का कोई सिपाही ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहता. यदि कोई इन अतिक्रमणकारियों से सामान हटाने को कहता है तो उसे भद्दी गालियां दी जाती हैं और कई बार तो बात मारपीट तक पहुंच जाती है.
इसका सर्वाधिक खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ता है. यह लोग तो इनसे बाल तक करने की हिम्मत नहीं करते. इस रोड पर रोजाना घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में यदि कोई एम्बुलेंस किसी मरीज को लेकर इस रास्ते से गुजर जाए तो उसे भी साइड नहीं दिया जाता. ट्रैफिक जाम के कारण न तो कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंच पाते हैं और न ही विद्यार्थी समय पर स्कूल.
शिकायत का कोई असर नहीं इन सारी समस्याओं को लेकर स्थानीय लोगों ने लकड़गंज पुलिस स्टेशन और मनपा कार्यालय में कई बार शिकायत की है लेकिन अभी तक इन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इनकी शिकायत करने वाले का पता अतिक्रमणकारियों को खासतौर पर गैरेज और ट्रान्सपोर्ट वालों को चल जाए तो यह लोग उसे मारने तक से नहीं हिचकिचाते.
ऐसे में कोई भी इनके खिलाफ खुलकर नहीं बोल पाता या सामने नहीं आता. एक तरह से यहां पर इनकी गुंडागर्दी चलती है. ऐसे में जल्द से जल्द यहां का अतिक्रमण हटाकर लोगों को राहत देने की मांग की जा रही है. इसके अलावा शहर पुलिस आयुक्त से भी स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस रोड पर नो पार्किंग जोन बनाया जाए जिससे रोजाना होने वाली दुर्घटना और विवाद से लोगों को राहत मिले और सड़क भी लोगों के लिए खुल सके.