Published On : Tue, Apr 19th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

पहली बार नागपुर से बने सेना प्रमुख, केंद्रीय विद्यालय में पढ़े हैं जनरल मनोज पांडे

नागपुर. देश के सेना प्रमुख बनकर जनरल मनोज पांडे ने नागपुर का मान बढ़ाया है. पहली बार शहर से कोई आर्मी चीफ के पद पर पहुंचा है. सेना प्रमुख बनने वाले पांडे इस पद पर पहुंचने वाले पहले इंजीनियर होंगे. अब तक इन्फेंट्री, आर्मर्ड और आर्टिलरी अधिकारी ही आर्मी चीफ बनते रहे हैं.

नागपुर में जन्मे जनरल पांडे की स्कूली शिक्षा वायुसेनानगर स्थित केंद्रीय विद्यालय से हुई. 11वीं कक्षा के बाद ही उन्हें नेशनल डिफेंस अकादमी में प्रवेश मिला. एनडीए में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री अकादमी में प्रवेश लिया. पांडे के परिजन नागपुर में ही रहते हैं. उनके पिता डॉ. चंद्रशेखर पांडे साइकोथेरेपिस्ट थे.

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नागपुर विद्यापीठ में साइकोलॉजी विभाग के प्रमुख पद से सेवानिवृत्त है. उनकी मां प्रेमा पांडे ऑल इंडिया रेडियो की लोकप्रिय उद्घोषक थीं. रेडियो पर प्रसारित होने वाला मधुमालती कार्यक्रम होस्ट करती थीं. वर्ष 1982 में सेना में कमिशंड पाने के बाद पांडे ने विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया. वर्ष 1987 में उन्होंने नागपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज के डेंटल विभाग से गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. अर्चना साल्पेकर से उन्होंने विवाह किया. आर्मी चीफ के पद पर पहुंचकर उन्होंने नागपुर का गौरव बढ़ाया है.

पांडे परिवार से सेना में जाकर देश सेवा करने वाले मनोज पहले नहीं है. उनके भाई संकेत पांडे भी सेना में कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए और फिलहाल दक्षिण अफ्रिका में रहते हैं. उनके बेटे अक्षय भी वायुसेना में अधिकारी है. वर्ष 2016 में उन्होंने एयरफोर्स में कमिशन हासिल किया. बड़े भाई केतन अपने परिवार के साथ ब्रुनाई में रहते हैं. फिलहाल नागपुर में केवल उनके पिता ही रहते हैं.

अक्सर जनरल पांडे उनसे मिलने नागपुर आते हैं. उनकी नियुक्ति से बॉम्बे सैपर रेजिमेंट में भी खुशी की लहर है. यह रेजिमेंट इंजीनियर्स कॉर्प की है. इस रेजिमेंट से पहला कोई व्यक्ति सेना प्रमुख पद पर पहुंचा है. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे 1 फरवरी 2022 को उप सेना प्रमुख बने थे और पांडे चीन से सटे सिक्किम और लद्दाख बॉर्डर पर कई ऑपरेशन का नेतृत्व कर चुके हैं. पांडे ने जम्मू-कश्मीर के एलओसी पल्लनवाला ​​​​​में चलने वाले ऑपरेशन पराक्रम को लीड किया.

यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में 2001 में संसद हमले के बाद चलाया गया था जिसमें आतंकियों के हथियार सप्लाई के नेक्सस का खुलासा किया गया था. इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे. वे चीन से सटे ईस्टर्न कमांड में कमांडर और ब्रिगेडियर स्टाफ के पद पर काम कर चुके हैं. लद्दाख इलाके के माउंटेन डि‌वीजन में इंजीनियर ब्रिगेड के पद पर भी तैनात रह चुके हैं. वहीं नॉर्थ-ईस्ट रीजन में भी लेफ्टिनेंट जनरल रहते कई ऑपरेशन में भाग ले चुके हैं.

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