नागपुर: महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के सरकार के दावों के बावजूद, राज्य में हर दिन करीब 70 किशोरियां गायब हो जाती हैं, जो चिंताजनक है।
सुश्री चाकणकर ने बताया कि राज्य से जनवरी से मार्च 2023 के बीच कुल 5,510 किशोरियां गायब हो चुकी हैं। राज्य में प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि राज्य में किशोरियों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित तत्काल आवश्यकता की जरूरत है। उन्होंने बताया कि राज्य में किशोरियों और महिला के लापता की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
सुश्री चाकणकर ने बताया कि जनवरी, फरवरी और अप्रैल में क्रमश: 1600, 1810 और 2200 किशोरियां लापता हुईं, जो चिंताजनक है।
राज्य महिला आयोग ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य 2020 से लापता व्यक्तियों की सूची में सबसे ऊपर है। उन्होंने बताया कि किशोरियों को शादी, प्यार और नौकरी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की खबरों आती रहती हैं, लेकिन यह स्थिति तब और अधिक भयावह हो जाती हैं, जब उनका यौन शोषण किया जाता है।
सुश्री चाकणकर ने गृह विभाग से इस महत्वपूर्ण मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है। महाराष्ट्र में लापता किशोरियों की संख्या फरवरी में 1,810 से बढ़कर मार्च में 2,200 हो गई। उन्होंने बताया कि मुंबई में लापता व्यक्तियों के विभाग से जानकारी एकत्र की गई थी और उन्होंने स्थिति की आगे की जांच करने के लिए विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
लापता व्यक्तियों की जारी रिपोर्ट के अनुसार, केवल मार्च में पुणे से सबसे ज्यादा करीब 2,258 किशोरियां लापता हुई हैं। नासिक में 161, कोल्हापुर में 114, ठाणे में 133, अहमदनगर में 101, जलगांव में 81 और सांगली में 82 किशोरियां गायब हुई हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में किशोरियों की सुरक्षा और संरक्षण की तत्काल आवश्कता है।