नागपुर: क्या आशीष देशमुख पूर्व बीजेपी सांसद नाना पटोले की राह पर चल निकले है। और जल्द ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देकर पार्टी को राम-राम कर देंगे। शीतकालीन अधिवेशन के दौरान जिस तरह से उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जनता से किया वादा याद दिलाते हुए हमला किया उससे लगता तो यही है की आने वाले दिनों में वो भी बड़ा फैसला ले सकते है। अपने विधानसभा क्षेत्र में एक सभा के दौरान देशमुख ने फिर एक बार देशमुख ने अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा। वो यही नहीं रुके उन्होंने स्वतंत्र विदर्भ राज्य के लिए अलग पार्टी की स्थापना का संकेत तक दे डाला।
देशमुख ने यहाँ तक कहाँ की सरकार अगर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागु करने से साथ ही किसानों की फ़सल को उचित भाव नहीं देती है तो वह पार्टी से इस्तीफ़ा देकर खुद की पार्टी बना लेंगे। नागपुर में मेट्रो की जरुरत न होने के बावजूद प्रोजेक्ट खड़ा किया जा रहा है। सीमेंट रास्तों की आवश्यकता न होने की वजह से शहर भर में इसका निर्माण हो रहा है। ऐसा लग रहा है विकास का पैमाना सिर्फ नागपुर तक सीमित हो गया है। शहर का विकास ही विदर्भ का विकास नहीं है। विदर्भ के हर गाँव का विकास होना चाहिए प्रमुख तौर पर लगातार हो रही किसान आत्महत्याओं पर रोक लगाई जानी चाहिए।
देशमुख ने शीतकलीन अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को जारी कर पार्टी पर लेटर बम फोड़ा था। कांग्रेसी पिता रणजीत देशमुख के साथ विधानभवन परिसर पहुँचे थे। यहाँ तक की अधिवेशन के दौरान पार्टी के जनप्रतिनिधियों के लिए हर वर्ष आयोजित किये जाने वाले वैचारिक कार्यक्रम में भी नहीं पहुँचे। इसके लिए उन्हें नोटिस जारी हुआ था जिसका जवाब भी उन्होंने अब तक नहीं दिया है। देशमुख के इस तरह का रवैया भविष्य में पार्टी से बगावत करने के ईशारे को स्पस्ट करता है।