Published On : Sat, Nov 28th, 2020

अश्विनी इंफ़्रा – डीसी गुरुबक्षाणी सह तालेवार को बचा रही मनपा

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– आयुक्त की जाँच समिति ठंडे बस्ते में,समिति में भ्रष्टाचारी अधिकारी जो हर हस्ताक्षर पर लेते हैं नगद-नारायण

नागपुर : एमओडीआई फाउंडेशन,आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा पिछले ४ माह से मनपा अंतर्गत सीमेंट सड़क फेज-२ में हुए टेंडर सह भुगतान घोटाले का सबूत सह मनपायुक्त का ध्यानाकर्षण करवाया गया.इन कागजों के अनुसार ठेकेदार कंपनी मुंबई की ASHWINI INFRA को अपूर्ण कागजात के बावजूद ठेका दिया गया और इनका भुगतान अर्थात १४ दफे RUNNING BILL दिया गया वह भी ASHWINI INFRA के सहयोगी ठेकेदार कंपनी DC GURUBAKSHANI के खाते में.मामला इतना स्पष्ट होने के बावजूद मनपायुक्त राधाकृष्णन बी को जाँच समिति बैठानी पड़ी अर्थात या तो वे अनुभवहीन हैं या फिर मनपा के विवादास्पद SE MANOJ TALEWAR सह मनपा वित्त विभाग के अधिकारियों को बचाने के लिए टालमटोल रवैय्या अपना रहे.दूसरी ओर उक्त ठेकेदार कंपनी से पार्टी फंड के नाम पर ४% घुस लेने वाले ने भी अजीब सी चुप्पी साध रखी हैं.४% वाले के सूत्र बतला रहे कि वे इस मामले में सिर्फ MANOJ TALEWAR को बचा लें क्यूंकि वह एक विधायक का करीब का हैं.फ़िलहाल तालेवार सहल पर हैं.

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जाँच समिति में संदिग्ध सदस्य
आयुक्त की जाँच समिति में कुछ सदस्य ऐसे भी हैं जो जिस भी पद पर रहे,अपने हस्ताक्षर फ्री में नहीं किए.इनसे भ्रष्टाचार की जाँच मुमकिन नहीं।इनका प्रत्येक हस्ताक्षर के लिए % तय हैं.जानकारी मिली हैं कि ये निष्पक्ष जाँच के बजाय अपना उल्लू सीधा करने के फ़िराक में मामला दबाने की कोशिश में हैं.

MLC बनने की चाह
उक्त सड़क के LEAD PARTNER M/S ASHWINI INFRA के सहयोगी ठेकेदार कंपनी DC GURUBAKSHANI के संचालक राजू उर्फ़ राजकुमार उर्फ़ राजवीर को अपने अवैध कमाई के सहारे राजनीत में जाने का शौक हैं,उनकी तीव्र इच्छा हैं कि वे खर्च कर MLC बने,जिसके लिए प्रयास भी शुरू किया था.इनका शहर से ज्यादा ग्रामीण में बड़ा काम हैं,जहाँ काम कम बिल ज्यादा बनते हैं,क्यूंकि काम का क्षेत्र का कोई मुआयना करता नहीं,JE से लेकर CE को नगद-नारायण मिल जाए वे ठेकेदारों के भुगतान बिल पर हस्ताक्षर करते रहते।इस चक्कर में DC गुरुबक्षाणी कंपनी अचानक करोड़ों की कंपनी बन गई.इनका दूसरा छुपा कारोबार हवाला का भी हैं,यह तो कॉल पर ही अल्टी-पलटी हो जाती हैं.इनके पास कई अधिकारी जो सेवानिवृत और सफेदपोश के पैसे निवेश किये हुए हैं.

शेर को सवा सेर
डीसी GURUBAKSHANI की कंपनी का माल और मनपा के अन्य ठेकेदारों के साइड पर पहुँचाया जाता।अर्थात डीसी का माल चोरी कर या अधिकारी का नाम बताकर या फिर किसी पदाधिकारी का नाम बताकर मुफ्त में उठा लिया जाता और अन्य ठेकेदारों को सस्ते दामों में उनके ही कर्मी बेचने का नया धंधा शुरू किए हैं.अर्थात शेर ने सवा शेर पाल रखा हैं,जिसे अज्जू के नाम से जाना जाता हैं.

PMO ने UD-2 को जाँच के आदेश दिए
आरटीआई कार्यकर्ता ने मामले की गंभीरता को नज़रअंदाज करने वाले मनपायुक्त और राज्य सरकार की UD विभाग के खिलाफ सीधा PMO से शिकायत कर हस्तक्षेप करने की गुजारिश की। PMO ने राज्य सरकार के UD के महेश पाठक को जांच करने के आदेश दिए ,अब देखना यह हैं कि जाँच को UD सह मनपा कितनी गंभीरता से लेती हैं या फिर आरटीआई कार्यकर्ता को न्यायालय जाने के लिए प्रेरित करती हैं ?