- 15 हजार की अनिश्चित नौकरी के लिए 2 लाख 30 हजार का ट्रेनिंग प्रोग्राम
- लोन की सुविधा भी कंपनी करा रही मुहैय्या
नागपुर: वैश्विक मंदी से जूझ रहे बाज़ार में नौकरियों की स्थिति चिंताजनक स्तर पर पहुँच चुकी है। मंदी का सबसे ज़्यादा असर आईटी सेक्टर को हुआ है। ऐसे में ज़्यादातर कंपनियां नए अवसरों का सृजन करने की बजाय लागत को कम करने और नुकसान से बचने के लिए नौकरियों में भारी कटौती कर रही हैं। एक तरफ जहां आईटी कंपनियों के बुरे दौर के बीच देश की प्रमुख आईटी कंपनी एचसीएल ने नागपुर के मिहान में अपनी शाखा खोलकर 2000 हजार इंजीनियरों के लिए रोजगार सृजन का ऐलान किया। कंपनी के इस ऐलान और पहल की हर ओर सराहना तो हुई ही, साथ ही शहर के युवा इंजीनियरों में नौकरी हासिल करने की आस भी जगी। लेकिन अब ये आस टूटती दिखाई दे रही है। कंपनी वादे के मुताबिक़ नौकरी तो दे रही है पर नौकरी देने की शर्त ने युवा बेरोजगार इंजीनियरों को पशोपेश में डाल दिया है। हांलही में एचसीएल द्वारा शहर के अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कर नौकरी के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को आमंत्रित किया गया था। बड़ी कंपनी का विज्ञापन देख भारी संख्या में बेरोज़गार कंपनी के रिक्रूटमेंट सेंटर पहुंचे जहां उन्हें नौकरी के नाम पर मोटी रकम ट्रेनिंग देने के नाम पर जमा किए जाने की जानकारी सामने आ रही है। कंपनी ने साफ किया है कि कम्पनी जिनका चयन नौकरी देने के लिए करेगी उन्हें 2 लाख 30 हजार रुपए जमा कराकर पहले प्रशिक्षण लेना होगा। कंपनी के इस रुख पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है उनके मुताबिक नौकरी देने के नाम पर कंपनी बेरोजगारों को गुमराह कर रही है।
नौकरी के नाम पर कंपनी बेच रही ट्रेनिंग प्रोग्राम
दरअसल इस तरीके से कंपनी सीधे नौकरी नहीं दे रही बल्कि वो अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेच रही है। कहीं से पैसों का जुगाड़ कर बेरोज़गार युवा कंपनी की ट्रेनिंग ले भी लेते है तो भी उन्हें नौकरी मिलेगी ही इसकी कोई गारंटी नहीं है। बड़ी कंपनी के लिए रिक्रूटमेंट सलाहकार के रूप में काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि कंपनी ने विज्ञापन जारी कर बीई, बीटेक, एमई, एमटेक, एमसीए, एमएससी (आईटी) के साथ फ्रेशर या अनुभव वाले उम्मीदवारों को आमंत्रित किया है। इसके अलावा गैर-आईटी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों से भी आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। वहीं आवेदन के लिए किसी की कोई भी नियम या लिमिट नहीं रखी गई है. आवेदन के लिए न आयुवर्ग तय है और ना ही कोई विशेष अर्हता, यहां तक कि महिलाएं और गृहणियां भी आवेदन दे सकती है. इस भर्ती कार्यक्रम का प्रारूप आश्चर्यचकित करने वाला है। कंपनी की शर्तों को अगर कोई पूरा करके अपनी गाढ़ी कमाई से ट्रेनिंग लेता भी है तब भी नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं है।
कंपनी ने ही कराई है लोन उपलब्ध कराने की व्यवस्था
कंपनी का विज्ञापन देख कर जो युवा आवेदन करने पहुंचे उन्होंने बताया कि साक्षात्कार स्थल पर उन्हें कंपनी 2.30 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कह रही है। कंपनी आईडीबीआई बैंक और एक्सिस बैंक से प्रशिक्षण शुल्क का भुगतान करने के लिए ऋण मुहैय्या कराने की सुविधा भी प्रदान कर रही हैं। लेकिन जब जब हमने नौकरी के आश्वासन को लेकर सवाल किया तो जवाब जवाब प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद ही नौकरी संबंध में निर्णय लिए जाने की जानकारी दी गई। एक अभिभावक जो अपने पुत्र के साथ यहां पहुंचे थे उन्होंने बताया कि हमें यहां आकर पता चला कि कंपनी नौकरी के नाम पर उम्मीदवार से पैसे वसूल रही है। कंपनी खुले आम अख़बारों में विज्ञापन देकर यह काम कर रही है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कंपनी ने इस तथ्य को अपनी वेबसाइट पर छिपा रखा है. वेबसाइट में नौकरी के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं की जैसे आवेदन, शॉर्टलाइन, तकनीकी साक्षात्कार, एचआर साक्षात्कार और अंत में नौकरी की जानकारी तो दी गई है लेकिन किसी भी तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी छुपाई गई है।
क्या कंपनी यह तरीका अपना कर नुकसान भरपाई कर रही है
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से एचसीएल जैसी कम्पनियां उम्मीदवारों से अपने नुकसान भरपाई के लिए इस तरह के तरीकों को विकसित कर रही है. हाल इतने ख़राब हैं कि छात्रों को न नौकरी मिल रही है और न अच्छा वेतन मिल पा रहा है। दूसरी तरफ कंपनियों द्वारा प्लेसमेंट में भी भारी गिरवाट आई है। 1 जुलाई से शुरू होने वाली जीएसटी कर प्रणाली से स्थिति और बिगड़ने की संभावनाएं जताई जा रही है। आशंका यह भी व्यक्त की जा रही है की एचसीएल अगर नौकरी की पेशकश देती भी है तो वेतन बेहद कम होगा।
ट्रेनिंग के दौरान मात्र 3750 रूपए की पेशकश-आप इस बात पर विश्वास कर सकते हैं कि एक छात्र जिसकी इंजीनियरिंग में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने में 5-6 लाख रुपये खर्च कर रहा है , उसे प्रशिक्षण के नाम पर 2.30 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ता है और उसे क्या प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान एचसीएल केवल 3750 रुपए की एक छोटी राशि की पेशकश कर रहा है। प्रशिक्षण पूरा करने वाले उम्मीदवार को केवल 15,000 रुपए महीने का वेतन दिया जाएगा।
सब को नहीं मिलेगी नौकरी
एचसीएल टेक्नोलॉजीज़ के विज्ञापन में दिए गए टोल फ्री नंबर पर संपर्क करने पर बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले सभी छात्रों को नौकरी नहीं मिल सकती क्योंकि पदों की संख्या सीमित है। इसका सीधा मतलब यह है कि छात्रों को भाग्य के भरोसे 2.5 लाख रुपए देकर लगाकर एक तरह से जुआ खेलना होगा। अगर भाग्य उनका साथ देता है तो ही वे अपनी किस्मत 15,000 रुपए प्रति माह कमा सकते हैं। एचसीएल के वरुण शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रति वर्ष 1.98 लाख का पॅकेज सुनिश्चित किया गया है। नागपुर टुडे ने बाकायदा मेल भेजकर इस संबंध में कंपनी से स्पष्टीकरण भी मांगने की कोशिश की, लेकिन इसका जवाब नहीं दिया गया।