- स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत कोताही बरतने पर बिफरे अधिकारी
- शौचालय निर्माण कार्य व अनुदान वितरण की समीक्षा सभा में दिए कई निर्देश
- प्रत्येक ग्रा.पं. में ७५ शौचालयों का लक्ष्य
वाशिम। स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण कार्य व प्रोत्साहन अनुदान वितरित में विलंब करने वाले ग्रामसेवकों को दिनों में आधारभूत सर्वे और अनुदान वितरण ऑनलाइन नहीं करने से उनके वेतन वृद्धि बंद करने के आदेश जि.प. के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी दादासाहेब वानखेड़े ने दिए.
उन्होेंने जिला परिषद के उपाध्यक्ष चंद्रकांत ठाकरे, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी वानखेड़े और उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय इंगले को १७ दिसम्बर को मानोरा व मंगरूलपीर पंचायत समिति में ग्रामसेवकों की समीक्षा सभा ली. जिन गाँवों में पिछले तीन महीने में शौचालय निर्माण कार्य नहीं हुए अथवा शौचालय निर्माण कार्य को प्रोत्साहन अनुदान वितरित नहीं किया गया, ऐसे ग्रा.पं. के ग्रामसेवकों को कड़ी फटकार लगाकर अधिकारी ने उनकी ढीले पेंचों को टाइट कर दी.
यहाँ जारी पीआरओ राम शृंगार की विज्ञप्ति के अनुसार, शौचालय बना कर उपयोग करने वालों को सरकार की ओर से १२ हजार रुपये बतौर प्रोत्साहन अनुदान दिया जा रहा है. अब प्रत्येक गाँव में शौचालयों का निर्माण कार्य द्रुत गति से किए जा रहे हैं. इनमें अनेक गाँव में शौचालय निर्माण करवाये परिवारों को अनुदान मिलने में विलम्ब होने की शिकायतें मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूचेश जयवंश को मिली थी. इसी के मद्देनजर उन्होंने सभी तालुकाओं में समीक्षा सभाओं का आयोजन किया था. इन बैठकों में जि.प. के इ. उपाध्यक्ष चंद्रकांत ठाकरे ने पूरे समय उपस्थित रहकर गाँव निहाय समीक्षा सभा की. उपाध्यक्ष चंद्रकांत ठाकरे ने निर्देश दिया कि लाभार्थियों से सिर्पâ आवश्यक कागजात लेकर प्रस्ताव को पास करने के साथ ही ऑनलाइन करें. इस अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान के साथ ही संग्राम, एमआरइजीएस, घरकुल, लेखा आपत्तियाँ व अन्य प्रलंबित मामलों की भी समीक्षा की गई.
प्रत्येक ग्रा.पं. में ७५ शौचालयों का लक्ष्य
ग्रामसेवकों ने जानकारी दी कि लगभग सभी गाँवों में शौचालयों का निर्माण कार्य कर दिए गए हैं. उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय इंगले ने ग्रामसेवकों को निर्देश दिए कि अगले दो महीने के दौरान जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कम से कम ८५ शौचालयों के निर्माण कार्य कर अनुदान वितरण व ऑनलाइन एंट्री कार्य पूरा कर लिए जाएं.
कोलंबी ग्रा.पं. अनुदान से वंचित
शौचालयों के लिए प्रोत्साहन अनुदान देने के लिए आधारभूत सर्वे करना आवश्यक है. जिले के सभी ग्रा.पं. का सर्वे एक वर्ष पूर्व ऑनलाइन कर दी गर्इं लेकिन मंगरूलपीर तालुका के कोलंबी ग्राम पंचायत का आधारभूत सर्वे नहीं होने से सम्पूर्ण गाँव के लाभार्थी शौचालय के प्रोत्साहन अनुदान से वंचित हो सकते हैं. स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी व कर्मचारियों को पंचायत समिति स्तर पर शीघ्र गाँव की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश गटविकास अधिकारी जी.के. वेले द्वारा दिए गए. जबकि इस सभा में कोलंबी ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक अनुपस्थित थे.
इस समीक्षा सभा में जिला अभियान के राम शृंगारे, प्रपुâल्ल काले, शंकर आम्बेकर, रविचंद्र पडघान, अभिजीत दुधाटे, पंचायत समिति के विस्तार अधिकारी पद्मने, सहायक प्रशासन अधिकारी गजानन खुले, संग्राम के जिला व्यवस्थापक सरकटे, एम.आरईजीएस के मुसले आदि उपस्थित थे.