एजेंसियों के कार्य में अनियमितता
-महापौर ने दिए कार्रवाई करने के निर्देश
नागपुर: नागपुर महानगरपालिका के साथ हुए समझौते के अनुसार ए.जी.एनवायरो और बी.वी.जी. दोनों कंपनियों को शहर में जगह-जगह जाकर कचरा संग्रहण और अपशिष्ट निपटान की ज़िम्मेदारी दी गई थी. लेकिन इन दोनों कंपनियों के कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गई हैं. इस बारे में गठित मनपा की एक जांच समिति ने निष्कर्ष निकाला कि इन कंपनियों के अनुबंध रद्द किए जाने चाहिए और तीन महीने के भीतर एक नई एजेंसी नियुक्त की जानी चाहिए. महापौर दयाशंकर तिवारी ने निर्देश दिया कि दोनों कंपनियों के बीच हुए करार के अनुसार वरिष्ठ पार्षद की राय लेकर और उनके निर्देशों तथा जांच समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए.
शनिवार को डॉ.पंजाबराव देशमुख स्मृति स्थायी समिति सभागार में कचरा संग्रहण और अपशिष्ट निपटान के लिए मनपा द्वारा नियुक्त दोनों एजेंसियों के काम में अनियमितताओं के मुद्दे पर एक बैठक बुलाई गई. इस समस्या पर नियुक्त की गई जांच समिति की रिपोर्ट पर मनपा की आम बैठक में यह नतीजे पर पहुंचा गया कि तीन महीने के अंदर नई एजेंसी की नियुक्ति की जानी चाहिए. महापौर ने इस बारे में वरिष्ठ पार्षद और जांच समिति की रिपोर्ट के सिफारिशों के अनुसार आगे की कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए.
महापौर तिवारी ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष ने समिति की रिपोर्ट पर सकारात्मक विचार व्यक्त किए हैं. शहर की स्वच्छता नागरिकों के स्वास्थ्य और शहर की प्रतिष्ठा के मद्देनज़र एक प्रमुख मुद्दा है. किसी कंपनी को काम पर रखने की प्रक्रिया निर्धारित नियमानुसार होनी चाहिए. हालांकि, समझौते के बाद कंपनी द्वारा काम करवाने की जिम्मेदारी मनपा प्रशासन के संबंधित अधिकारियों की होती है. लेकिन कुछ मामलों में मनपा प्रशासन के संबंधित अधिकारियों ने यह जिम्मेदारी नहीं निभाई.
तकनीकी अपूर्णता के चलते हुई देरी
पूर्व महापौर और नगरसेवक संदीप जोशी द्वारा रखे गए तथ्य हैरान करने वाले हैं. प्रशासन और बीवीजी कंपनी के साथ समझौता करार के क्रियान्वयन में तकनीकी अपूर्णता के चलते एक साल की देरी हुई. महापौर ने यह भी कहा कि हो सकता है कि संचालन समिति ने भी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई.