Published On : Thu, Dec 6th, 2018

अवनि हत्या: नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया गया बाघिन का शिकार

Advertisement

नागपुर : बाघिन अवनि की हत्या की जांच कर रही दो सदस्यीय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) समिति की अंतिम रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। यह हैदराबाद के रहने वाले शार्पशूटर और अवनि की हत्या के आरोपी असगर अली खान के उस दावे को खारिज करती है, जिसमें उसने कहा था कि उसने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई थी। 2 नवंबर को बोराती में अवनि को गोली मार दी गई थी।

अवनि के शिकार की जांच के लिए दो सदस्यीय इस कमिटी का गठन 8 नवंबर को किया गया था। कमिटी में रिटायर्ड मुख्य वन संरक्षक ओपी कालेर और एनजीओ वाइल्डलाइफ ट्रस्ट इंडिया के सदस्य जोस लूइस भी शामिल थे। कमिटी को उन परिस्थितियों का पता लगाने का काम सौंपा गया था, जिन परिस्थितियों में अवनि को मारा गया था। कमिटी ने बीते 27 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।

Gold Rate
Thursday 13 March 2025
Gold 24 KT 87,100 /-
Gold 22 KT 81,000 /-
Silver / Kg 99,100 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

किया इन तीन कानूनों का उल्लंघन
रिपोर्ट में सामने आया है कि किस तरह आरोपी असगर ने एक साथ तीन-तीन कानूनों का उल्लंघन किया था। असगर ने अवनि के शिकार में आर्म्स ऐक्ट 1958 की धारा 3 (1), इंडियन वेटेरिनरी काउंसिल ऐक्ट 1984, द वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट 1972 के साथ एनटीसीए के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स का भी उल्लंघन किया गया था।

इस रिपोर्ट की एक कॉपी हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के पास मौजूद है। इस रिपोर्ट को मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन और प्रमुख मुख्य वन संरक्षक एके मिश्रा को सोमवार को भेजी गई है। मिश्रा ने कहा, ‘मुझे नहीं समझ आ रहा है कि एनटीसीए ने मुझे रिपोर्ट क्यों भेजी है। सोमवार शाम तक मुझे रिपोर्ट नहीं मिली थी। अभी मैं आधिकारिक दौरे पर बाहर हूं।’

असगर पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘जो भी कार्रवाई होगी, वह राज्य सरकार के निर्देशानुसार होगी।’ मिश्रा ने शूटर शफत अली खान को वन मंत्री सुधीर मुनंतीवार के निर्देश पर अवनि को ट्रैंक्विलाइज या मारने के लिए बुलाया था।

‘दोषियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर’
एनटीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक, फॉरेस्टर मुखबिर शेख को सिर्फ अवनि की पहचान करने का काम दिया गया था, ना कि उस पर डार्ट चलाने का। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हैरानी की बात है कि मुखबिर ने डार्ट में रखी 56 घंटे पुरानी दवा को अवनि पर इस्तेमाल किया, जबकि डार्ट में दवा को 24 घंटे से ज्यादा नहीं रखा जा सकता था।’ महाराष्ट्र स्टेट वेटेरिनरी काउंसिल के सदस्य डॉ. अजय पोहरकर ने कहा, ‘हम इन सभी नियमों के उल्लंघन को लेकर एक एफआईआर दर्ज कराएंगे। हम रिपोर्ट की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, फायरिंग के समय अवनि सड़क से दूर अपने रास्ते पर चल रही थी। अवनि पर डार्ट फायर करने के बाद जीप उसके पास गई थी, जिस पर उसने गुस्सा दिखाया जो स्वाभाविक था।

Advertisement
Advertisement