Published On : Wed, Jan 16th, 2019

बनातवाला अंग्रेजी शाला शिफ्टिंग मामले को लेकर आपस में भिड़े नगरसेवक

Advertisement

नागपुर: नागपुर मनपा की एकमेव अंग्रेजी शाला बनातवाला हाई स्कूल को नई इमारत में शिफ्ट किए जाने के मामले को लेकर बसपा के नगरसेवकों के बीच विवाद पैदा हो गया. मामला बसपा प्रदेशाध्यक्ष तक पहुंच चुका है जिसे लेकर चर्चा है कि प्रदेशाध्यक्ष ने मनपा में बसपा पक्ष नेता को फटकार लगाई.

ज्ञात हो कि उत्तर नागपुर के टेकानाका परिसर में हबीबनगर स्थित जी.एम.बनातवाला अंग्रेजी स्कूल है. जिसका संचालन मनपा प्रशासन करती है. इस स्कूल की मनपा के अन्य स्कूलों के मुकाबले विद्यार्थियों की संख्या काफी सम्मानजनक है. एक तरफ मनपा की हर वर्ष शाला बंद होते जा रही है तो दूसरी ओर इस शाला में सुविधा, शिक्षा अच्छी होने के कारण पालकवर्ग आसपास के स्कूलों में बनातवाला स्कूल को प्राथमिकता दे रहे हैं.

Gold Rate
Friday 07March 2025
Gold 24 KT 86,300 /-
Gold 22 KT 80,300 /-
Silver / Kg 97,700 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इस शाला के उत्थान के लिए मुस्लिम लीग के पूर्व नगरसेवक असलम खान ने काफी मेहनत की थी. वर्तमान परिस्थिति में अंग्रजी माध्यम में गरीब-माध्यम वर्ग को अपने बच्चों को पढ़ना जहां कठिनाई भरा साबित हो रहा है, ऐसे में बनातवाला स्कूल आसपास के नागरिकों के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. बनातवाला शाला किराए की बिल्डिंग में चलाई जा रही है. जिसके लिए मनपा को हर साल १२९००० रूपए चुकाना पड़ता है.

इन खचर्चों से निजात पाने के लिए प्रभाग २ अंतर्गत राय बिल्डर के राय गुलमोहर अपार्टमेंट के पीछे मनपा ने ३ करोड़ रुपए खर्च कर एक ईमारत खड़ी की. इस इमारत में बनातवाला स्कूल के हाई स्कूल को ‘शिफ्ट’ किया गया. प्राथमिक और केजी वर्ग अभी भी पुरानी बिल्डिंग में ही चल रही है. पूर्व नगरसेवक सह आसपास के नागरिकों की मांग है कि पुरानी बिल्डिंग में प्राथमिक शिक्षा जारी रखना चाहिए.

इस मामले में बसपा पक्ष नेता मोहम्मद जमाल में पूर्व नगरसेवक असलम खान का समर्थन करते हुए प्रशासन को पत्र भी लिखा, लेकिन बसपा के ही नगरसेवक इब्राहिम टेलर प्राथमिक और केजी वर्ग को नए बिल्डिंग में शिफ्ट करने की जिद्द पर अड़े हुए हैं. बनातवाला शाला शिफ्ट करने के मामले में बसपा के दो नगरसेवकों के बीच विवाद इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों की पत्र बाजी से मामला बसपा प्रदेशाध्यक्ष तक पहुंच गया.

दोनों नगरसेवकों को फटकार भी लगाई गई. पक्ष नेता जमाल का आरोप है कि पक्षनेता को दरकिनार कर इब्राहिम टेलर ने प्रशासन को पत्र दिए जिससे प्रदेशाध्यक्ष और तिलमिला गए. मोहम्मद जमाल को फटकार लगाते हुए प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि दी गई जिम्मेदारी का वहन नहीं हो रहा, जिसके लिए मोहम्मद जमाल अपनी गलती स्वीकारी. संभवतः मामला आमसभा में आ सकता है, अब देखना यह है कि आमसभा क्या निर्णय लेती है.

Advertisement