– दिल्ली में प्रवेश परीक्षा की तिथि तय नहीं ,प्रशिक्षण के साथ अभ्यास परीक्षा की सुविधा की मांग
नागपुर – डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (BARTI) दिल्ली में UPSC के निजी केंद्रों में प्रशिक्षण आयोजित करेगा। उल्लेखनीय है कि छात्रों की संख्या 200 से बढ़ाकर 300 कर दी गई है। वहीं 2021 से पुणे के यरवदा कॉम्प्लेक्स में आवासीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर सितंबर 2021 से प्रशिक्षण दिया जाना था। लेकिन निजी संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने में बार्टी इतनी उदार क्यों है, इसकी अनदेखी ? ऐसा सवाल फिलहाल उठाया जा रहा है।
वर्ष 2020 के बाद, संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए 300 छात्रों के लिए एक प्रशिक्षण योजना लागू कर रहा है। संभावना है कि दिल्ली के किसी प्रतिष्ठित संस्थान का चयन किया जाएगा। इन संस्थानों को छात्रों के नाम पर अरबों रुपये का भुगतान किया जाता है।
अब दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए छात्रों की संख्या बढ़ गई है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि परिणाम और बढ़ेगा। हालांकि, जैसा कि बार्टी द्वारा प्रवेश परीक्षा, प्रशिक्षण और सुविधाओं में बदलाव की उपेक्षा की गई है, यह उम्मीद की जाती है कि परिणाम बढ़ने की संभावना कम होगी।
प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अधिकांश छात्र पहले ही दिल्ली में कोचिंग कर चुके हैं। ऐसे छात्रों को पूर्व और मुख्य परीक्षाओं के लिए एक परीक्षण सुविधा की आवश्यकता होती है जो प्रशिक्षण के बजाय हर दस दिन में आयोजित की जाती हैं। साथ ही जिस संस्थान में ट्रेनिंग दी जाती है वहां कोर्स पूरा होने के बाद ही टेस्ट लिया जाता है। इससे छात्रों को कोई फायदा नहीं होता है। ऐसे छात्र ‘प्री-मेन परीक्षा’ के लिए वर्गीकृत नहीं होना चाहते हैं।
बार्टी से अक्सर इसके लिए कहा जाता है। लेकिन उनकी मांग को अबतक नज़रअंदाज किया जाता रहा है। साथ ही दिल्ली में रहना अब महंगा हो गया है। इसलिए, पिछले कुछ संस्थानों के परिणाम बताते हैं कि अनिवासी प्रशिक्षण की तुलना में आवासीय प्रशिक्षण अधिक फायदेमंद है। हालांकि, बार्टी और सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग ऐसी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कम रूचि दिखा रहे.
पुराने तरीके से प्रवेश परीक्षा
दिल्ली के लिए बार्टी की प्रवेश परीक्षा सामान्य अध्ययन और सी-सैट पर आधारित होगी। हालांकि, दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया आरसीए जैसे सरकारी संस्थानों ( विश्वविद्यालयों ) ने मुख्य परीक्षा में कुछ प्रश्नपत्रों को शामिल कर प्रवेश परीक्षा आयोजित करना शुरू कर दिया है। नतीजतन, उनके परिणाम बढ़े। लेकिन बार्टी की प्रवेश परीक्षा प्री-परीक्षाओं पर होती है, उस स्तर पर नहीं।यदि पूर्व छात्र सफल होते हैं तो परिणाम के बाद उनके नाम का उपयोग शुरू हो जाता है।
हाल ही में सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने यशदा स्थित डॉ. अंबेडकर स्पर्धा परीक्षा केंद्र की छात्र क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ यरवदा में पांच सितारा आवासीय प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं लिया गया है। पिछले कई वर्षों से क्षेत्र के छात्रों में आक्रोश है कि सामाजिक न्याय मंत्री नागपुर में एमपीएससी, यूपीएससी आवासीय प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने की उपेक्षा कर रहे हैं।