Nagpur: अपने ऊपर लग रहे आरोपो पर पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सफाई दी है। पालकमंत्री के भाई की कंपनी श्री जगदंम्बा कंस्ट्रक्शन कंपनी को करोड़ो रूपए के मिले ठेके पर उन्होंने कहाँ की वह इस कंपनी का अब हिस्सा नहीं है। वर्ष 2004 में वो इस कंपनी से अलग हो चुके है। यह ठेका कंपनी ने नियम के मुताबिक हासिल किया है। 3 लाख रूपए से ज्यादा के काम पर सरकार ऑनलाइन टेंडर निकलती है। जिस कंपनी का टेंडर सबसे काम होगा नियम के मुताबिक काम उसी को दिया जाता है। वह 2015 में मंत्री बने है जबकि यह कंपनी कई वर्षो ने काम करती आ रही है। यह सच है की यह कंपनी उनके भाई की है पर ऐसा कोई नियम नहीं की जिसका भाई मंत्री बने वह अपना व्यवसाय नहीं कर सकता।
गाँव की पैतृक जमीन और उस जमीन के बदले परिवार को मिले नौकरी पर पालकमंत्री ने कहाँ की वर्ष 1990 -1991 में गाँव के विस्थापन का काम हुआ था उस समय वह 12 वी कक्षा विद्यार्थी थे। जिससे साफ होता है की वह इस काम में किसी भी तरह की हेराफेरी कर रही सकते। जिस मकान में वह अभी रह रहे है उससे जुड़े विवाद पर उन्होंने कहाँ की उनके पिता ने हिन्दू लॉ के हिसाब से उस मकान का बंटवारा किया था। इसी बंटवारे के तहत वह और उनका पूरा परिवार रह रहा है।
मंत्री बनने के बाद से अपने ऊपर लग रहे आरोपो को पालकमंत्री राजनीति से प्रेरित आरोप बताया। आरोप लगाने वाले किशोर चौधरी पर भी उन्होंने सवाल उठाया। पालकमंत्री के मुताबिक इन्ही आरोपो पर आरोप लगाने वाले हाईकोर्ट में केस हर चुके है ,सुप्रीम कोर्ट से केस वापस लिया है जबकि लोकायुक्त ने शिकायत ही नहीं ली है। फिर भी इस आरोपो की सत्यता की जाँच होनी चाहिए। आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री के पास जा सकते है और वह किसी भी तरह की जाँच के लिए तैयार है। वह ईमानदारी से काम करते है इसलिए पार्टी ने उन पर भरोषा किया है। बावनकुले ने सामाजिक कार्यकर्त्ता अंजलि दमानिया को भी उनसे जुड़े खुलासों को सर्वाजनिक करने की अपील की है।
– राजीव रंजन कुशवाहा