भागवत कथा से होता है मन का शुद्धिकरण:योगेश कृष्णा महाराज
मानेवाड़ा में कथा का आयोजन
नागपुर: भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरु की पहचान कर उनका अनुकरण कर निरंतर हरि स्मरण, भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है।श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है ।उक्त उदगार मानेवाड़ा, बालाजी नगर के शीतला माता मंदिर में नवरात्र के उपलक्ष्य पर आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव में चित्रकूट के कथाकार योगेश कृष्णा जी महाराज ने भक्तों से कहे।
कथा आरंभ होने से पूर्व सुबह बालाजी नगर के शीतला माता मंदिर से मंगल कलश शोभायात्रा कथा कथा स्थल तक निकाली गई। कलश यात्रा में 51 महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर चल रही थीं। पश्चात कथा के यजमान सिर पर भागवत पोथी रखकर व कथाकार योगेश कृष्ण महाराज का रथ चल रहे थे । जगह- जगह शोभायात्रा का स्वागत किया जा रहा था।
आज कथा के प्रथम दिवस महाराज ने बताया कि जब सौभाग्य का उदय होता है तभी भागवत कथा सुनने को मिलती है। भगवान सत्य स्वरूप हैं, चित्त स्वरूप हैं, आनंद स्वरूप हैं । सभी पापों का नष्ट करने वाले हैं।
भागवत का अर्थ है भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तारण। जो भक्ति ज्ञान वैराग्य को बढ़ाकर परम तत्व की प्राप्ति कराए वही भागवत है। जन्म को सार्थक करने के लिए सदाचार का अनुसरण करना चाहिए ताकि यह जन्म फलीभूत होकर आपको मोक्ष की प्राप्ति करा सके। जीवन को हमेशा सदाचारमय बनाने के लिए तैयार रहें तभी भागवत कथा का सही पुण्य लाभ अर्जित किया जा सकता है।
सभी भक्तों से कथा के समय मास्क पहनकर आने की अपील की गई है। कथा का समय दोपहर 3:00 बजे से 6:30 बजे तक रखा गया है । 4 अप्रैल को परीक्षित जन्म की कथा सुनाई जाएगी।