नागपुर: शहर के नामचीन भोंसला मिलिट्री स्कूल के प्रबंधन पर अवैध तरीके से 40 एकड़ जमीन हड़पने और अपने फायदे के लिए मुरुम खनिज की पहाड़ी खोदने का आरोप लगा है. फ़िलहाल स्कूल प्रबंधन इन आरोपों पर चुप है और प्रबंधन की यही चुप्पी उसके खिलाफ लगे आरोपों को पुख्ता कर रही है. नागपुर जिले के चक्की खापा में यह स्कूल स्थित है और वहीँ के एक किसान विवेक सिसोदिया ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी द्वारा उनका संरक्षण किए जाने का भी दावा किया है.
नाशिक की सेंट्रल हिन्दू एजुकेशन सोसाइटी ने 1997 में चक्की खापा में जिला प्रशासन द्वारा प्रदत्त 30 एकड़ परिसर में आवासीय भोंसला मिलिट्री स्कूल की स्थापना की. उक्त स्कूल का आवासीय परिसर विशाल एवं भव्य है और अब भी कई स्तरों में निर्माणाधीन है. इस स्कूल को सरकार द्वारा संचालित सैनिक स्कूलों के समकक्ष माना जाता है. यहाँ विद्यार्थियों को अकादमिक शिक्षा के साथ सैन्य सेवाओं के लिए जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
क्या हैं आरोप
– भोंसला मिलिट्री स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि उन्होंने 1998 में अपने स्कूल परिसर से लगे झुड्पी-जंगल की जमीन को अपने कब्जे में लेकर उसे खेल मैदान में तब्दील कर दिया.
– यही नहीं जिला प्रशासन द्वारा आवंटित 30 एकड़ जमीन के अलावा 40 एकड़ जमीन जबरन अपने कब्जे में लेकर उस पर स्कूल इमारत एवं आवासीय परिसर का निर्माण शुरू कर दिया, जो कि अब भी जारी है.
– वर्ष 2011 में स्कूल से लगी उन्नत किस्म के मुरुम की पहाड़ी खोद कर स्कूल प्रबंधन समिति के सचिव शैलेश जोगलेकर ने सर्वे क्रमांक 114 अन्तर्गत अपने खेत तक पहुँचने का मार्ग बनाया। अपने खेत तक आवाजाही के लिए सर्वे क्रमांक 120 के दो टुकड़े भी किए. पहाड़ी की खुदाई अभी भी जारी है.
– सर्वे क्रमांक 63 में स्कूल प्रबंधन ने जो खेल मैदान बनाया है, वह नागपुर के आउटर रिंग रोड का प्रस्तावित हिस्सा है. स्कूल प्रबंधन ने रिंग रोड का काम पिछले तीन महीने से रोक रखा है, कारण यह कि उसी मैदान पर पक्का स्टेज बनाया गया है, जिस पर वार्षिकोत्सव का आयोजन होने है. स्कूल का वार्षिकोत्सव 30 एवं 31 जनवरी को होना है.
विवेक सिसोदिया का आरोप
किसान विवेक सिसोदिया का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने जो 40 एकड़ जमीन हड़पी है, उसी पर स्कूल के मुख्य वास्तु जैसे रसोई, अस्तबल, सहायकों के आवास, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, बड़ी सी लांड्री, स्विमिंग टैंक और मिलिट्री ट्रेनिंग मैदान बनाया गया है. इस परिसर के इर्द-गिर्द जितने भी किसान हैं, उन्हें स्कूल प्रबंधन की लापरवाहियों का खामियाजा भुगतना पड़ता है.
किसानों को खामियाजा
– सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी एवं लांड्री का रसायन युक्त पानी किसानों के खेत में छोड़ा जाता है, जिससे न सिर्फ उन भुक्तभोगी किसानों की फसल ख़राब हो रही है, बल्कि गंभीर पर्यावरणीय नुकसान भी हो रहे हैं.
– स्कूल प्रबंधन ने नियमों को ताक पर रखकर आठ-आठ सौ फुट के एक दर्जन बोरवेल खोद रखे हैं, जिनसे मशीन द्वारा पानी खींचा जाता है, लिहाजा परिसर के किसानों को जमीन से पानी का बूँद भी नसीब नहीं हो पाता.
शिकायतों का अम्बार
विवेक सिसोदिया का आरोप है कि वर्ष 2007 से लेकर अब तक उन्होंने जिलाधिकारी, तहसीलदार, एसडीओ, बीडीओ और पटवारी को लिखित, मौखिक हर तरह से बारम्बार शिकायती निवेदन देकर स्कूल प्रबंधन की मनमानी रोकने और परिसर के किसानों को इंसाफ देने की मांग की, लेकिन उनकी शिकायतों को शायद इसीलिए अनसुना कर दिया जाता है क्योंकि भोंसला मिलिट्री स्कूल के प्रबंधन पर शासन और प्रशासन का वरदहस्त है.
शिकायतकर्ता की मांग
भोंसला मिलिट्री स्कूल प्रबंधन पर तमाम गंभीर आरोप लगाने वाले विवेक सिसोदिया ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस से मांग की है कि
– तुरंत स्कूल प्रबंधन से सारी जमीन वापस ली जाए.
– किसानों की जमीन और चक्की खापा गाँव में स्कूल प्रबंधन द्वारा छोड़े जा रहे हर तरह के गंदे पानी पर तुरंत रोक लगायी जाए.
– इतने सालों में जो किसानों का नुकसान स्कूल प्रबंधन की वजह से हुआ है, उसके भरपायी स्वरूप स्कूल प्रबंधन से राशि लेकर किसानों को सौंपी जाए.
– जनता की शिकायतों की अनदेखी करने और लापरवाह तथा जमीन कब्ज़ा करने वाले स्कूल प्रबंधन को बचाने वाले जिलाधिकारी को निलंबित कर उनके खिलाफ जाँच की जाए.
– Rajeev Ranjan Kushwaha (rajeev.nagpurtoday@gmail.com)