Published On : Tue, Apr 23rd, 2019

पक्षी है राष्ट्र की धरोहर.. जल पिलाओ- इन्हें बचाओ

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सिंधु फ्रेंडस ग्रुप ने घर-घर जाकर निःशुल्क बांटे 600 जलपात्र

गोंदिया: पुराने जमाने में गल्लियों से गुजरते वक्त हमें, लोगों के घरों के बाहर पशु-पक्षियों हेतु पानी की व्यवस्था के लिए रखे सीमेंट निर्मित्त जलकुंभ दिखायी पड़ते थे। बदलते वक्त के साथ घर बड़े-बड़े बंगलों में तब्दील हो गए लेकिन इंसान का दिल छोटा होता चला गया।
भीषण गर्मी के मौसम में भूगर्भ में जल का स्तर लगातार गिर रहा है। तापमान बढ़ने के साथ-साथ पेयजल की समस्या भी विकराल रूप ले रही है एैसे में नदी, तालाब और जलस्त्रोत सूख जाने की वजह से पशु-पक्षी पाने के लिए भटकते नजर आते है और पेयजल के अभाव में गोंदिया जिले में भी पक्षियों की मृत्युदर का आंकड़ा बढ़ जाता है।

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पशु-पक्षी हमारे राष्ट्र की धरोहर है इसलिए उनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है। इसी के मुद्देऩजर सिंधु फ्रेंडस ग्रुप गोंदिया द्वारा 600 जलपात्रों का निःशुल्क वितरण घर-घर जाकर गत एक सप्ताह से किया जा रहा है। शहर के सिंधी कॉलोनी, शंकर चौक, दशहरा मैदान, माताटोली, श्रीनगर, हरिकाशी नगर, झूलेलाल कॉलोनी, आर्शिवाद कॉलोनी, सहयोग कॉलोनी इलाके के निवासियों के बीच संस्था की ओर से एक पॉम्पलेट का वितरण भी किया जा रहा है जलपात्र को उचित तरीके से घर की छत पर सुरक्षित किस प्रकार रखा जाए? इसकी भी जानकारी दी गई है।

वृृक्षों की टहनियों में बांधे गए है जलपात्र
सांझ ढलते ही परिंदे वृक्षों के घोसले को अपना आश्रय बना लेते है और पो फटते ही सुबह की पहली किरण के साथ परिंदों की आकाश में उड़ान शुरू होती है।

गोंदिया के शास्त्री वार्ड, संजयनगर, छोटा गोंदिया, चावड़ी चौक आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर वृक्ष तो है लेकिन आसपास जलस्त्रोत की कमी है लिहाजा युवा एकता समिति से जुड़े नौजवानों ने विशेष जलपात्र कुम्हारों से निर्मित करवाए है जिसमें त्रिकोणीय छिंद्र रखा गया है और उसमें नॉयलान की रस्सी बांधकर उसकी मजबूत डोर को चिन्हित वृक्षों की टहनियों में बांधकर पक्षीयों की रक्षा के प्रति अपनी सजगता प्रकट की । इतना ही नहीं इन जलपात्रों में नियमित रूप से यह युवा टोली पेयजल का प्रबंध भी कर रही है जो बेहद सराहनीय है।

– रवि आर्य

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