नागपुर: नागपुर महानगर पालिका चुनाव सिर पर है। राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी। प्रभाग संरचना की तहत हो रहे चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया है, जो उन्हें जीत या जीत के करीब तक तो पहुंचा ही सके। इस चक्कर में सभी राजनीतिक दलों ने कई वर्तमान नगरसेवकों के टिकट काट दिए। कई ऐसे कार्यकर्ताओं को नजरंदाज कर दिया कि जिन्हें लंबे समय से इस बार टिकट देने का आश्वासन दिया जा रहा था।
राजनीतिक दलों के समीकरण से उम्मीद में बैठे कई नेताओं का गणित गड़बड़ा गया है और वे अपने-अपने राजनीतिक दलों के साथ आला पदाधिकारियों को भी कोस रहे हैं। इन असंतुष्ट नगरसेवकों से नागपुर टुडे ने बात की तो उन्होंने इस तरह अपनी नाराजगी का इज़हार किया।
अनिता वानखेड़े (शिवसेना की टिकट पर उम्मीदवार)
अनिता वानखेड़े जो प्रभाग 24 से भाजपा की नगरसेविका रह चुकी हैं, उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भाजपा छोड़ शिवसेना में प्रवेश किया। शिवसेना ने प्रभाग 24 से उन्हें उमेदवारी दे दी। उन्होंने अपनी पीड़ा कुछ इस तरह व्यक्त की।
००००
वंदना ढोबले (शिवसेना कार्यकर्ता )
भाजपा से शिवसेना पार्टी में प्रवेश करनेवाली कार्यकर्ता वंदना ढोबले ने बताया कि भाजपा की ओर से विश्वासघात किया गया। उनके प्रभाग में जबरन नए व्यक्ति को उम्मीदवारी दी गयी।
००००
छाया दाने
भाजपा के लिए वर्षों से कार्य करनेवाली कार्यकर्ता छाया दाने ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए बताया कि प्रभाग 25 से उन्हें टिकट देने का आश्वसन दिया गया था। लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने भाजपा के लिए रात दिन मेहनत की है। लेकिन पार्टी ने उनकी सुध नहीं ली।
००००
किशोर डोरले (निर्दलीय )
कांग्रेस पार्टी में भी टिकट नहीं देने से कई वरिष्ठ नगरसेवकों ने अपनी नाराजगी जताई साथ ही शहर कांग्रेस के बड़े नेताओ पर भी गुस्सा दिखाया। प्रभाग 5 से नगरसेवक रहे किशोर डोरले ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। डोरले ने कांग्रेस से टिकट मिलने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शहर अध्यक्ष से बात की गयी थी कि उन्हें उनके चयन के अनुसार 3 उमेदवार दिए जाए। लेकिन कांग्रेस की ओर से अपने हिसाब से उमेदवार देने की वजह से उन्होंने कांग्रेस की टिकट ठुकराई। उन्होंने नागपुर के बड़े नेताओ और पूर्व मंत्रियो पर भी पार्टी के लिए मेहनत नहीं करने की बात कही।