Published On : Thu, Oct 6th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

ठाकरे बनाम शिंदे के शक्ति प्रदर्शन से दूर रही भाजपा ?

– एक-दूसरे पर वार-पलटवार करते हुए दोनों ने जमकर एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाई

मुंबई – मुंबई में दो जगह शिवसेना की दशहरा रैली (Shiv Sena Dussehra Rally) का आयोजन किया गया, जिसमें उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने खुद को असली शिवसेना साबित करने की भरपूर कोशिश की. इसके साथ ही एक-दूसरे पर वार-पलटवार करते हुए दोनों ने जमकर एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाई. हालांकि, इस शक्ति प्रदर्शन से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दूरी बनाई और दर्शक की तरह नजर आई.

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शिंदे से फासला रखी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) महाराष्ट्र सरकार में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के साथ सत्ता में है, लेकिन उसने शिंदे के शक्ति प्रदर्शन से खुद को अलग रखा.मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में एकनाथ शिंदे के शक्ति प्रदर्शन में बीजेपी के किसी नेता ने भाग नहीं लिया.

भाजपा नेताओं को नहीं मिला था आमंत्रण
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सूत्रों के हवाले से बताया है कि एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shide Group) की तरफ से दशहरा रैली में शामिल होने के लिए भाजपा के किसी नेता को आमंत्रित नहीं था. सूत्रों ने बताया कि रैली में बीजेपी के किसी नेता के शामिल होने की भी उम्मीद नहीं थी.

RSS के विजयादशमी उत्सव व्यस्त थे भाजपा नेता
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) नागपुर में थे, जहां उन्होंने आरएसएस के वार्षिक विजयादशमी उत्सव में हिस्सा लिया. इस वजह से भी फडणवीस शिंदे गुट की रैली में शामिल नहीं हुई. इसके अलावा, अन्य भाजपा नेता भी अपने विजयादशमी समारोह में व्यस्त थे.

पार्टी का समारोह है शिवसेना की दशहरा रैली
एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली (Eknath Shinde Dussehra Rally) में भाजपा नेताओं (BJP Leaders) के ना शामिल होने की वजह ये भी है कि यह रैली शिवसेना की परंपरा और विशुद्ध रूप से पार्टी समारोह है. यह कोई सरकारी कार्यक्रम या फिर चुनाव अभियान रैली नहीं थी, इसलिए बीजेपी के नेता इस रैली में शामिल नहीं हुए.

ठाकरे और शिंदे का वार-पलटवार
शिवाजी पार्क में आयोजित दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों को सत्ता के लिए भाजपा से हाथ मिलाने को लेकर ‘विश्वासघाती’ बताया. तो वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि 2019 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन को जनादेश मिलने के बावजूद राकांपा-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाकर ठाकरे ने जनता को ‘धोखा’ दिया है.

उल्लेखनीय यह है कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी रावण जलेगा, लेकिन इस बार का रावण अलग है. इस बार ये सिरों का नहीं, बल्कि 50 खोके (करोड़) का खोकासुर हैं, जिन्हे हमने जिम्मेदारी दी वो कटप्पा निकले. जिन्होंने साजिश रची, वे कटपप्पा हैं.’ ठाकरे पर पलटवार करते हुए एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि हमने गद्दारी नहीं की, गदर (क्रांति) किया. आप हमको बाप चोर बोलते हैं ? अरे, आपने अपने बाप के विचारों को बेच दिया ?

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