नागपुर: भारत की शास्त्रिय नृत्यों में से अग्रणी भरतनाट्यम की परंपरा है कि जब शिष्य एकल प्रस्तुति के लायक हो जाता है तो उसे गुरु के सामने अंतिम प्रस्तुति देनी होती है, जिसे अरंगेत्रम कहा जाता है. इसके बाद गुरु प्रदर्शन से संतुष्ट होकर उन्हें एकल नृत्य पेश करने की अनुमति देते हैं.
आनेवाली १० फरवरी २०१९ को भरतनाट्यम गुरुद्वय किशोरी तथा डॉ श्री किशोर हम्पिहोली की शिष्या पलक अनूप अग्रवाल द्वारा अरंगेत्रम प्रस्तुति का आयोजन किया गया है. पंडित वसंतराव देशपांडे सभागृह में शाम ५.१५ से यह कार्यक्रम होगा.
इस कार्यक्रम में महापौर नंदा जिचकार और पूर्व राज्यसभा सांसद एवं लोकमत मीडिया समूह के अध्यक्ष विजय दर्डा प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे.
वरिष्ठ पत्रकार आसावरी शेणोलीकर तथा मीरा नृत्य निकेतन की संचालिका मीरा चंद्रशेखरन प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगी. पलक के रंगप्रवेश के इस अवसर को अविस्मरणीय बनाने के लिए देश भर से सुविख्यात गायकों और वादकों को आमंत्रित किया गया है. पुणे से आनेवाले सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक संजय श्रीधरन, मुंबई से वायलिन वादक विष्णू दास और सुप्रसिद्ध मृदंगवादक मास्टर इलप्पा (यशवंत हम्पिहोली) इस कार्यक्रम में पलक का साथ देंगे. नाट्य संगीत कला भारती के उपाधि से सम्मानित चेन्नई से के हरिप्रसाद इस कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देंगे. साथ ही गुरु किशोर और किशोरी हम्पिहोली स्वयं अपनी शिष्या के लिए शास्त्रीय वाद्यों तथा तालवाद्यों का वादन करेंगे.
गंगा और दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, विनिता और अजय अग्रवाल, प्रीती और अनूप अग्रवाल, डॉ. अर्चना और पंकज धवन साथ ही ए.पी.अग्रवाल असोशिएट्स तथा किशोर नृत्य निकेतन के सभी सदस्यों द्वारा विशेष निमंत्रण दिया गया है.
पलक अग्रवाल का अल्प परिचय:
नागपुर स्थिति भवन्स भगवानदास पुरोहित विद्या मंदिर की छात्रा पलक बचपन से ही कलाक्षेत्र में रुचि लेती हैं. चित्रकला हो, नृत्य हो या नाटक सभी क्षेत्रों में पलक ने सराहनीय कार्य किया हैं.
इसके साथ ही पलक का चित्रकला क्षेत्र में भी नाम है और कई पुरस्कार मिल चुके हैं. चित्रकारी की साथ साथ पलकने नृत्य तथा नाट्य क्षेत्रमें भी अपने कार्य से प्रभावित किया है. भरतनाट्यम का प्रशिक्षण तो बचपन से ही जारी है. अनेकों कार्यक्रमों में अपनी नृत्यकला का प्रदर्शन भी किया है.