Published On : Thu, Mar 28th, 2019

गोंदिया: फन्टर कंगाल.. बुक्की मालामाल

Advertisement

गोंदिया: गोंदिया के क्रिकेट सटोरियों के संदर्भ में प्रकाशित खबर के बाद इस काले धंधे से जुड़े सट्टा कारोबारियों में जहां हड़कम्प मचा हुआ है, वहीं कुछ धंधेबाजों ने अपने ठिकाने बदल दिए है तो कुछ ने काम करने का तौर-तरीका..

इस खबर का असर यह रहा कि, सिंधी कॉलोनी स्थित एक पानठेले पर जहां क्रिकेट का सट्टा चलाने वाले और फन्टरों का हुजुम उमड़ा रहता है और इस ठिकाने पर जहां युवावर्ग की दिनभर चहल-कदमी देखी जाती है, वे भी अब सहमे हुए है तथा इस अड्डे पर हारी-जीती के पैसे का लेन-देन भी गुपचुप तरीके से किया जा रहा है।

Gold Rate
Tuesday18 March 2025
Gold 24 KT 88,700 /-
Gold 22 KT 82,500 /-
Silver / Kg 100,900 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

गौरतलब है कि, पहले इस पानठेले पर दिनभर खायी-लगायी की आवाजें आती थी, अब सभ्य घरानों के लड़के भी यहां पहुंचने के बाद दबी जुबान में वार्तालाप करते देखे जा रहे है। कुछ ने तो अब इस पानठेले पर आकर अपना मुखड़ा दिखाने के बजाए मोबाइल मैसेज के आदान-प्रदान से ही काम चलाना शुरू कर दिया है।

हारे जुआरी उठा रहे है मोटी ब्याज दरों पर रूपया
क्रिकेट पर सट्टे के शौक और आईपीएल के मैचों ने एक विशिष्ट व्यापारी वर्ग के युवाओं को तबाह कर दिया है। 18 से 30 वर्ष के युवा क्रिकेट सट्टे की लत से इस कदर ग्रस्त हो चुके है कि, अपने हारे हुए पैसे निकालने के चक्कर में बड़े-बड़े दांव खेल जाते है, जब सौदा उलटा पड़ता है तो कर्जा और भी बढ़ जाता है।

शहर में सक्रिय 2 दर्जन बुक्की और उनके वसूली पथक के रूप में काम करने वाले गुण्डों के जब लगातार पैसे की देनदारी हेतु मोबाइल पर कॉल आते है तो एैसे युवाओं का न तो व्यापार में मन लगता है और ना ही पढ़ाई में..

वसूलीकर्ता कहीं दूकान या घर पर न पहुंच जाए इस डर के मारे वे शहर में इधर-उधर घुमकर फालतू समय व्यतित करते है। अधिक दबाव बना तो कुछ बदनामशुदा इलाकों के शरण में पहुंच जाते है और दबंग प्रवृत्ति के व्यक्तियों से 10 से 15 प्रतिशत प्रतिमाह मोटी ब्याज दरों पर पैसा लेकर यह उठायी गई रकम बुक्कीयों के चरणों में चढ़ा देते है। जब पानी सर से उपर निकल जाता है और कर्जा बढ़ जाता है तो ये लतग्रस्त युवा पिता के दुकान के गले (तिजोरी) की रकम पर चुपके से हाथ साफ करना नहीं भूलते, यह चोरी की लत उन्हें घर में रखे गहने तक उड़ाने को मजबूर कर देती है।

इस सट्टे के शौक से कई परिवारों में हालात एैसे बन चुके है कि, पिता और पुत्र के बीच आपसी संबंध खराब हो चले है, यहां तक कि, कई बुजुर्गों ने तो अपने चश्मे-चिराग को बुरी लत से निकालने के लिए सट्टोरियों के घर-अड्डों तक दस्तक देनी शुरू कर दी है, यह कहते हुए कि, मेरे बच्चे पर जो तुम्हारा क्रिकेट जुआ का कर्ज चढ़ चुका है वह हम धीरे-धीरे चुका देंगे लेकिन हमारे बच्चे को इस जुए की गंदी लत की दलदल में मत ढकेलो।
एक पिता द्वारा लगायी गई गुहार और याचना से भी इन सट्टोरियों का दिल नही पसी़जता तथा चढ़े हुए कर्ज की कुछ रकम जमा होने के बाद फिर से ये नया सौदा लिखना शुरू कर देते है।

सट्टोरियों का नया ठिकानाः बार, कॉम्पलेक्स, मरघट
शहर में सक्रिय क्रिकेट सट्टोरियों पर खबर प्रकाशित होते ही इस अवैध कारोबार से जुड़े कई बुक्कीयों ने अपने नए ठिकाने तलाशने शुरू कर दिए है।
शहर के एक विशेष व चर्चित बार में सट्टोरियों के नए ठिकाने की खुफिया रिपोर्ट पुलिस तक पहुंच चुकी है। यहां 5 से 6 के गु्रप में बुक्की बैठकर न सिर्फ जाम से जाम टकराते है बल्कि लाइव मैच देखते हुए लाइव लगवाड़ी और खायवाली करते है।

रेलटोली के पाल चौक निकट स्थित एक सूनसान कॉम्पलेक्स की पहली मंजिल भी 2 पुराने सट्टोरियों का नया ठिकाना है। आप सोचेंगे, शमाशन और सट्टोरियों के बीच आपसी क्या रिश्ता? तो आपको बताते चले, शमशान घाट के निकट आश्रम के पास सूने इलाके में स्थित कुछ मकान भी सट्टोरियों का नया ठिकाना है।

पहले एपिसोड की खबर मेें हमने इस धंधे से जुड़े कुछ चेहरों से नकाब उतारा था, अब खबर प्रकाशित होने के बाद कुछ नए चेहरों के नाम भी सामने आ रहे है जिनमें पम्मा, निमित, बब्बू, विक्की, आहुजा, बजाज, लालू, कन्हैया, हारून आदि का नाम शामिल है। साथ ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से गोंदिया आकर कारो नामक नए बुक्की ने अपना ठिकाना इस शहर को बना दिया है और सिवनी मध्यप्रदेश निवासी धरमु नामक बुक्की भी इन दिनों शहर के क्रिकेट व्यापार में बेहद सक्रिय बताया जाता है।

फन्टरों के पैसे पर बुक्कीयों की ऐश
आइपीएल क्रिकेट का सी़जन शुरू होने से पहले तथा खत्म होने के बाद शरीर की ओरालिंग के लिए इन बुक्कीयों को मसा़ज की जरूरत पड़ती है, तब ये फन्टरों से कमाए गए पैसे को उड़ाने की चाहत लेकर विदेशों के दौरे पर ऐश करने चले जाते है। सूत्र बताते है कि, बैंकॉक, मलेशिया, श्रीलंका ये अकसर 7-8 के गु्रप में जाया करते है तथा भारत के गोवा की बीच पर ये हफ्तों बिताया करते है, जहां शराब और कबाब के साथ शबाब में भी ये डूबे रहते है।

नई नसलों को आर्थिक तौर पर बर्बाद और तबाह करने वाले क्या इन बुक्कीयों पर पुलिस का चाबूक चलेगा ? और कानून का शिकंजा कसेगा? यह देखना दिलचस्प है।


रवि आर्य

Advertisement
Advertisement