Published On : Wed, Jun 13th, 2018

मीडिया ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल न करे-बॉम्बे हाईकोर्ट

Advertisement

bombay-high-court

मुंबई: अब मीडिया रिपोर्ट्स में दलित शब्द नहीं लिखा जा सकेगा। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक निर्देश में केंद्रीय सूचना मंत्रालय से कहा है कि मीडिया में लिखी जा रही खबरों में दलित शब्द पर प्रतिबंध लगाया जाए। कोर्ट द्वारा जारी आदेश के बाद जल्द ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया मीडिया के लिए एक दिशा-निर्देश जारी करने वाली है।

प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पीसीआई जो प्रिंट मीडिया की नियामक संस्था है को मंत्रालय जल्द ही बांबे उच्च न्यायालय के जजमेंट पढ़ने को कहेगा और उसके बाद मीडिया में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। बता दें कि बांबे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रालय और पीसीआई को मीडिया की रिपोर्ट में दलित शब्द के उपयोग पर रोक लगाने की बात कही थी।

Gold Rate
21 April 2025
Gold 24 KT 96700 /-
Gold 22 KT 89,900 /-
Silver / Kg - 96,800 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

अदालत के आदेश में कहा गया है कि “केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और इसके कार्यकर्ता अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के लिए ‘ दलित’ शब्द का उपयोग करने से बचें क्योंकि, भारत के संविधान या किसी भी कानून में इस शब्द का उल्लेख नहीं है। बता दें कि इस मामले में पीसीआई इसी महीने में दलित शब्द को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। बता दें कि इससे पहले मार्च महीने में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को लिखित आदेश दिया था कि अब सरकारी स्तर पर या कहीं भी दलित शब्द का प्रयोग वर्जित होगा।

यही नहीं सरकारी पत्रावली से लेकर किसी भी दस्तावेज में दलित शब्द का प्रयोग करने पर रोक लगा दी गई थी। केंद्र ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 21 जनवरी को दिए आदेशानुसार सरकारी दस्तावेजों और अन्य जगहों पर दलित शब्द के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी।

केंद्र ने मध्यप्रदेश कोर्ट द्वारा दिए आदेश का हवाला देते हुए केंद्र ने सभी प्रदेशों में दलित शब्द का प्रयोग बंद करवाया है। नए आदेश के अनुसार अब किसी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के आगे उनकी जाति का नाम लिखा जाना अनिवार्य कर दिया था।

इससे पहले 10 फरवरी 1982 में नोटिफिकेशन जारी कर हरिजन शब्द पर भी रोक लगाई गई थी। हरिजन बोलने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि दलित शब्द का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर कितनी सजा का प्रावधान रखा गया है।

मंत्रालय ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि दलित शब्द का उल्लेख संविधान में कहीं नहीं मिलता है। हालांकि इससे पहले 1990 में इसी तरह का आदेश जारी हुआ था, जिसमें सरकारी दस्तावेजों में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सिर्फ उनकी जाति लिखने के निर्देश दिए गए थे।

Advertisement
Advertisement