नागपुर: 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाँथ एसीबी के जाल में पकड़ाये जिला परिषद के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण सखाराम निंबालकर को अदालत ने 17 तारीख तक के लिए जेल भेज दिया है। प्रभारी जिला न्यायाधीश रघुवंशी ने निंबालकर को जेल भेजे जाने का फैसला लिया। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील एड एम डी नायडू ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत की माँग की। आरोपी के वकील द्वारा की गई जमानत अर्जी पर सरकार की तरफ से पक्ष रखने के लिए सरकारी वकील नितिन तेलगोटे ने अदालत से समय माँगा। जिसे मान्य करते हुए सरकार को अगली सुनवाई तक अपना जवाब जमा कराने का समय दिया गया है।
महिला ग्रामसेविका की शिकायत पर एसीबी ने निंबालकर को रिश्वत स्वरुप 50 हजार रूपए लेते रंगेहाँथो गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता जिले की भिवापुर तहसील के अंतर्गत आनेवाली चिंचाला ग्रामपंचायत में ग्रामसेवक पद पर कार्यरत है। अगस्त 2016 से जून 2017 तक उसके पास नांद ग्रामपंचायत का अतिरिक्त कार्यभार था। इसी दौरान चौदहवे वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त राशि से विभिन्न साहित्य और निर्माणकार्य का काम हुआ था। जिसमे भ्रस्टाचार होने की शिकायत की गई थी।
यह मामला सामने आने के बाद भिवापुर पंचायत समिति के बीडीओ को जाँच का जिम्मा सौपा गया था। मामले की जाँच कर रिपोर्ट निंबालकर को सौपी गई थी। इस रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय निंबालकर को ही लेना था। अपंने टेबल पर रिपोर्ट आने के बाद निंबालकर से खुद शिकायतकर्ता ग्रामसेविका से संपर्क किया और उसे इस मामले में क्लीन चिट देने के लिए एक लाख रूपए की माँग की। ये पैसे 50-50 हज़ार रूपए दो चरणों में देने थे। इसी महीने की 11 तारीख को ग्रामसेविका रिश्वत की पहली इंस्टॉलमेंट लेकर निंबालकर के पास पहुँची।
जिसकी शिकायत वह पहले ही एसीबी को कर चुकी थी। एसीबी की टीम ने रंगेहांथो आरोपी को रिश्वत लेते रंगेहांथो धर दबोचा।