Published On : Sat, Mar 30th, 2019

बीएसपी छुपा रूस्तम कम.. वोट कटुआ अधिक

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गोंदिया: बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने आपसी गठबंधन के साथ महाराष्ट्र के चुनाव में भी अपने प्रत्याक्षी उतारने का निर्णय लिया है। गोंदिया-भंडारा जिले का इसे सौभाग्य ही कहें कि, आजादी पश्‍चात पहली बार इस लोकसभा सीट से कोई महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही है।

इस क्षेत्र के मतदाता, बीएसपी उम्मीदवार डॉ. विजया राजेश नांदूरकर (ठाकरे) के 2 सरनेम के इस्तेमाल को लेकर भ्रमित है, क्योंकि कोई उन्हें ओबीसी समाज से जोड़कर देख रहा है तो कोई उन्हें बहुजन समाज से, तेरा-मेरा के इस चक्कर में यहां एैसी भूमिका बन रही है।

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अगर इस प्रत्याक्षी ने बहुजन समाज का बड़ी संख्या में वोट अपने पाले में कर लिया तो इसका नुकसान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन उम्मीदवार को होगा, क्योंकि बहुजन समाज के वोटर का रूझान कांग्रेस के प्रति अधिक होता है। चुनाव में हाथी जितना आगे बढ़ेगा, घड़ी की टिक-टिक उतनी थमेगी।

वहीं अगर बात की जाए ओबीसी समाज की तो उसमें पवार समाज और मराठा समाज दोनों को ही बीजेपी का परम्परागत वोटर माना जाता है, पवार समाज का वोट परसेंट जिले में जातिगत समीकरणों के आधार पर तीसरे नंबर पर है इसलिए बीजेपी को भी हाथी नुकसान पहुंचायेगा लेकिन कम ? और राकांपा को अधिक? एैसे में नुकसान दोनों पार्टियों का हो रहा है लिहाजा यह दोनों ही दल के कार्यकर्ता बसपा को वोट कटुआ पार्टी करार देने में जुटे है, जबकि बीएसपी कार्यकर्ताओं को अपने कैडर पर पुरा यकीन और भरोसा है कि, वे यह चुनाव न सिर्फ ताकत से लड़ेंगे बल्कि जितेंगे ? क्योंकि 5 अप्रैल को नागपुर के कस्तूरचंद पार्क में बहन मायावतीजी की एक बड़ी रैली आयोजित हो रही है। इस रैली के बाद पार्टी को उम्मीद है कि, दोनों जिलों का समूचा राजनीतिक माहौल ही उनके पक्ष में हो जाएगा।

 

 

 

 

 

 

रवि आर्य

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