नागपुर: बहुजन समाज पार्टी की महाराष्ट्र प्रदेश इकाई में बगावत हो गई है। हालाँकि इस बगावत की सुगबुगाहट महानगर पालिका चुनाव की घोषणा के समय से ही होने लगी थी, लेकिन ज्वालामुखी अंततः आज फूट गया। बसपा के महाराष्ट्र प्रदेश सचिव और मीडिया प्रभारी तथा प्रदेश कार्यालयीन सचिव उत्तम शेवड़े ने आज नागपुर में मीडिया को भेजे प्रेस नोट में अपने-अपने पदों से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा की।
प्रेस नोट के अनुसार बसपा के प्रदेशाध्यक्ष विलास गरुड़ की मनमानी और नासमझी के चलते डबरासे और शेवड़े ने पद छोड़ने का फैसला किया है। विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि बसपा पिछले ग्यारह साल से विलास गरुड़ को बर्दाश्त कर रही है और श्री गरुड़ ने टिकट बेचने जैसे कृत्य कर पार्टी को रसातल में धकेल दिया है।
विज्ञप्ति में श्री गरुड़ पर 2012 के मनपा चुनाव के समय और फिर 2017 के मनपा चुनाव में टिकट लाखों रुपए में बेचने का आरोप लगाया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि 2012 में पार्टी 25 सीट जीत सकती थी लेकिन टिकट बिक्री की वजह से अयोग्य उम्मीदवार खड़े किए गए इसलिए पार्टी को सिर्फ 12 सीट पर ही विजय मिली। इसी तरह 2017 में बसपा 35 सीट जीतने की कगार पर थी, लेकिन विलास गरुड़ ने फिर टिकट बेचकर अयोग्य लोगों को पार्टी का उम्मीदवार बना दिया, नतीजा सिर्फ दस सीट पर ही बसपा को नागपुर में संतोष करना पड़ा, जबकि नागपुर बसपा का गढ़ है।
इसी तरह विलास गरुड़ पर विज्ञप्ति में कई और गंभीर आरोप लगाए गए हैं और बसपा के सांगठनिक ढांचे को पूरी तरह ध्वस्त करने का जिम्मेदार माना गया है। विलास गरुड़ के नेतृत्व में काम करने से इंकार करते हुए दोनों पदाधिकारियों ने इस्तीफे की बात कही है।