– जिलाधिकारी से प्राप्त करने की प्रयास जारी,सामाजिक संगठन का विरोध
नागपुर: निर्माणकार्य का महत्वपूर्ण अंग हैं रेत.जिसके घाट को लेकर नागपुर जिले समेत सम्पूर्ण राज्य में नीचे से लेकर राज्य स्तरीय प्रभावी में जंग शुरू हैं.इसी दरम्यान राज्य के जिला प्रशासनों ने रेती के अवैध स्टॉक की जप्ती शुरू की.अब इस जप्त रेती पर नागपुर के बिल्डर असोशिएशन की नज़र होने की खबर लगी हैं.इस जप्त रेती की प्राप्ति के लिए वे जल्द ही नागपुर के जिलाधिकारी रविंद्र ठाकरे से मुलाकात करेंगे।अगर इस मिशन में असोशिएशन सफल हो गई तो बड़ी मात्रा में सस्ते में उन्हें रेती मिल जाएंगी।
रेती और रेती घाट को लेकर नागपुर जिले से लेकर सम्पूर्ण राज्य में रस्साकशी जारी हैं.न्यायालयों की अवहेलना कर दिनरात रेती का दोहन शुरू हैं,जिसके कारण नदी के अस्तित्व खतरे में पड़ गए हैं.
रेती के व्यवसाय में खाकी-खादी की बड़ी जुगलबंदी हैं.इस जुगलबंदी के साथ व्यवसायिक संघर्ष भी जारी हैं.
जिला प्रशासन एकसाथ सभी रेती की घाटों की निलामी नहीं करती,अनुभवी विभाग व अधिकारियों के सलाह पर किसी न किसी को न्यायालय की शरण में भेज कोई न कोई घाट की निलामी अड़ा दी जाती हैं.ऐसी ही घाटों की रेती चोरियां की या अप्रत्यक्ष रूप से करवाई जा रही.
नागपुर सह नागपुर जिले के रेती घाटों पर २४ घंटे मशीन से ( जबकि मशीन से रेती का दोहन गैरकानूनी हैं ) दोहन की जा रही.वह भी ओवरलोड परिवहन जारी हैं.
ऐसे में जब जिलाप्रशासन पर उंगलियां उठाई जाती हैं तब जिला प्रशासन के निर्देश पर राजस्व सह जिला खनन विभाग अवैध रूप से जमा रेती जे जमाव को जप्त करती हैं.पिछली दफा बड़े पैमाने में रेती जप्त की गई.
क्यूंकि इन दिनों रेती काफी महंगे में बिक रही इसलिए सस्ते में बढ़िया रेती प्राप्त करने के लिए नागपुर के बिल्डर असोशिएशन ने एक योजना बनाकर जल्द ही जिलाधिकारी से मुलाकात कर जप्त रेती प्राप्त करने की कोशिश में हैं.अगर असोशिएशन की इस प्रयास को सफलता मिल गई तो असोशिएशन के भवन निर्माता काफी फायदे में रहेंगे और आम नागरिक जो सस्ते में घर बनाने का प्रयास कर रहे,वे इस लाभ से वंचित रह जायेंगे।
इस लिए मोदी फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान ने जिलाधिकारी से मांग की हैं कि जप्त रेती को या तो सरकारी प्रकल्प निर्माण के लिए दें या फिर जप्त स्थल के आसपास छोटे-छोटे जरूरतमंदों को जायज मूल्य में रेती उपलब्ध करवाए।