मुंबई में भूमाफिया के खिलाफ आवाज उठाने वाले आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सामाजिक कार्यकर्ता भूपेंद्र वीरा लंबे अरसे से भूमाफिया के खिलाफ अभियान चला रहे थे.
बताया जा रहा है कि 72 साल के भूपेंद्र वीरा को शनिवार देर रात कलीना मस्जिद के पास रज्जाक कंपाउंड में गोली मार दी गई. हालांकि हत्या की वजह का अभी पता नहीं चल सका है.
मुंबई की वकोला पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है. पूरी तफ्तीश के बाद वारदात का खुलासा होने की उम्मीद है.
कलीना में भूमाफिया के खिलाफ मुहिम
इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा है कि 72 साल का मृतक आरटीआई कार्यकर्ता उनकी पार्टी का समर्थक था. आप का कहना है कि अवैध अतिक्रमण और भूमाफिया के खिलाफ भूपेंद्र ने कलीना में मुहिम चला रखी थी.
साथ ही आप का कहना है, “कलीना इलाके की कई प्रॉपर्टी की तरह ही माफिया की नजर भूपेंद्र वीरा की संपत्ति पर भी थी.”
बेटे की भी हो चुकी है हत्या
आरोप है कि भूमाफिया और पूर्व कांग्रेस कॉर्पोरेटर स्वयंभू साधू ने चार साल पहले भूपेंद्र के बेटे की भी हत्या करवा दी थी. इसके बाद से ही भूपेंद्र वीरा भू-माफिया को बेनकाब करने में जुटे हुए थे.
बताया जा रहा है कि आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र की कोशिशों के बाद बीएमसी ने भू-माफिया से जुड़ी 4 अवैध इमारतों को गिराने का आदेश दिया.
भूपेंद्र वीरा की हत्या वाले दिन स्वयंभू साधू महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मंच पर भी नजर आया था. आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी की मिलीभगत का भी आरोप लगाते हुए दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है.