नागपुर: आज मनपा परिवहन विभाग के सभी ठेकेदार कम्पनी की अहम बैठक मनपा आयुक्त वीरेंद्र सिंह के साथ हुई. कुछ दिन पूर्व बकाया भुगतान कि राशि को लेकर १ अगस्त से शहर बस सेवा बंद करने का अल्टिमेटम सभी लाल बस ऑपरेटरों ने दिया था. क्यूंकि बस ऑपरेटरों को डीजल भरने, बस चालकों का मासिक वेतन देने,अन्य खर्च सहित कर्ज पर लिया गया था.
बस का मासिक किश्त देने में हर जगह से पसीने छूट रहे थे. ऊपर से परिवहन विभाग सह परिवहन व्यवस्था संभालने के लिए नियुक्त डिम्ट्स द्वारा नाना प्रकार से अड़ंगे लाए जा रहे थे. इससे परेशान होकर पुणे और दिल्ली के बस ऑपरेटर टेंडर छोड़ने का मन बना रहे थे कि मनपा आयुक्त वीरेंद्र सिंह को उक्त सम्पूर्ण समस्याओं की जानकारी मिलते ही उन्होंने आज तत्काल बैठक लेकर अहम निर्णय लिया.
उक्त बस ऑपरेटरों को कोई उधारी में डीजल देने को तैयार नहीं थे, क्यूंकि पुराना बकाया चुकाने में असमर्थ रहे. बैंक वालों भी बकाया किश्त न चुकाने के कारण बड़ी कारवाई के अंतिम मोड़ पर पहुंच चुके थे.
तीनो बस ऑपरेटरों के अनुसार बैठक सकारात्मक रही जिसमें 2 – 3 माह में बक़ाया चुकाने पर सहमति बनी. कुछ राशि के जरिए फिलहाल के लिए व्यवस्था चलाने की तैयारी की जाएगी. इसके तहत 25 लाख रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई ताकि 1अगस्त से बस परिचालन में परेशानी नहीं आए. इधर जीएसटी से मिलनेवाले ग्रांट से भी हालात सम्हलने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं. ऑपरेटरें ने आयुक्त की इस पहल का स्वागत किया.
विडंबना यह रही कि बैठक में सार्वजनिक तौर पर डिम्ट्स की कार्यप्रणाली पर चर्चा नहीं हुई,इनके साथ हुए करार के बिंदुओं में से आधे से अधिक का पालन नहीं हुआ,गर हुआ तो उसका सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहा। रोजाना यात्री बढ़ाने,मांग के अनुरूप रूट पर बसें बढ़ाना व दौड़ना,ज्यादा आवक वाले रूट पर बस की संख्या में इजाफा करना,खाली दौड़ रही बसों का रूट की समीक्षा कर नये-नये उपाययोजना करना,डिम्ट्स का प्रकल्प प्रमुख हितकरी का रोजाना आधा दिन नागपुर शहर में रहना,परिवहन विभाग के नियमित सभी अधिकृत ठेकेदारों की बैठक लेकर उपजी समस्या को सुलझाना आदि आदि कार्य डिम्ट्स नहीं कर रहा फिर भी मनपा परिवहन विभाग के सिफारिश पर डिम्ट्स के प्रकल्प प्रमुख अमित हितकरी को सर आँखों पर बिठाए हुए हैं.
डिम्ट्स का प्रकल्प प्रमुख हितकरी कभी नागपुर के सड़क पर नहीं दिखा,वजह भी हैं क्यूंकि हितकरी सिर्फ महत्वपूर्ण मीटिंग के लिए नागपुर आता और नौ दो ग्यारह हो जाता हैं.इसके एवज में मनपा प्रशासन हितकरी याने प्रकल्प प्रमुख के मासिक भुगतान के नाम पर २ लाख प्रत्येक माह जारी करती हैं.करार अनुसार डिम्ट्स के दर्शाये कर्मियों का भी डिम्ट्स ने ‘पहचान परेड’ नहीं करवाना कई सवालों को जन्म दे रहा हैं.
साथ ही ‘करेंसी चेस्ट’ पर मनपा वित्त विभाग का खुद का कर्मी तैनात सह सीसीटीवी लगाया जाना समय कि मांग हैं,इससे रोजाना हो रही चोरी थम जाएंगी।चोरी रुकेंगी तो परिवहन विभाग और समिति के लाभार्थी पर ग़ैरकृत पर अंकुश लगेंगा।
इसके अलावा डिम्ट्स के प्रकल्प प्रमुख हितकरी को पूर्णकालीन नागपुर में रुकने/रहने पर अनिवार्यता लाये ताकि डिम्ट्स के कार्यो में सुधार देखा जा सके.विवादास्पद व्यवस्थापक सरकारी महकमें का होने के कारण वहां की कार्यशैली अपनाने से मनपा को रत्तीभर भी लाभ नहीं हुआ.इसलिए निजी क्षेत्रों में कार्यरत परिवहन व्यवस्थापक की नियुक्ति से ही मनपा परिवहन व्यवस्था सुचारु हो सकती हैं.
व्यवस्थापक ने लगाया,सभापति ने उखाड़ा
मनपा परिवहन व्यवस्थापक शिवाजी जगताप ने परिवहन सभापति के कक्ष में बिना उनकी अनुमति के सीसीटीवी कैमरे सह वहां की वार्तालाप सुनने वाली यंत्र लगा दिया।जिसका नियंत्रण परिवहन व्यवस्थापक के कक्ष में रखा गया था,याने परिवहन समिति कक्ष की जासूसी की योजना थी। जब कल दोपहर सभापति अपने कक्ष पहुंचे और देखें तो दंग रह गए.जगताप के योजना पर पानी फेरते हुए सभापति ने कैमरे सह यंत्र उखाड़ कर भिजवा दिया।