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उमरखेड़ (यवतमाल)। उमरखेड़ तालुका में सन 2012 में हुई शक्कर की हेराफेरी की गहराई से जांच की गई. जिसमे वरिष्ठ अधिकारीयों के आदेश से 14 लाख 15 हजार की शक्कर ब्लैक में बेचीं गई. शासन को फसाकर किये इस मामले में देर से ही सही आखिर उमरखेड़ तहसीलदार की ओर से आपूर्ति निरीक्षक रविन्द्र एन्नावार की शिकायत पर तत्कालीन तहसीलदार सुरेश थोरात और शक्कर नामिनी शैलेश सुरोशे (कोपरकर) पर मामला दर्ज किया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार उमरखेड तालुका के लिए शक्कर वितरक के तौर पर शक्कर नामिनी शैलेश सुरोशे (कोपरकर) को नियुक्त किया गया था. उसने बेधडक वसुलीकर्ता फेम तहसीलदार सुरेश थोरात से दोस्ती बढाकर जून, जुलाई, अगस्त, नवंबर 2012 के समय सस्ते अनाज दुकानदारों को शक्कर बांटकर कुल 765 क्विंटल शक्कर की हेराफेरी की. इस घोटाले में आरोपियों की जांच हो और सभी संबंधित आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हो ऐसी मांग असंख्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की थी. इस संदर्भ मे विभिन्न समाचार पत्रों में ये मामला गर्माया. जिससे प्रकरण की जांच शुरू हुई. इससे पहले गत वर्ष इसी शक्कर नॉमिनी के खिलाफ महागांव में 500 क्विंटल शक्कर घोटाले के मामले में महागांव पो.स्टे में मामला दर्ज किया गया था तथा इसी मामले में आरोपी तहसीलदार सुरेश थोरात को ढाणकी के इटाभट्टी चालक ओम खोपे की शिकायत पर एसीबी ने रंगेहात गिरफ्तार किया था.
उक्त आरोपियों के खिलाफ उमरखेड़ पुलिस ने भादंवि की धारा 411, 420, 406, 409, 468, 471 (34) के तहत मामला दर्ज कर दिया है.
गौरतलब है कि इस शक्कर घोटाले में जांच बंद होने की अफवा फैली थी. ऐसे में सभी संदेह गलत साबित हुए. वरिष्ठों के आदेश से घोटालेबाज के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज हुआ. जिससे तालुका में हड़कम्प मचा है.