फेल होने के बावजूद कर रहे थे मेडिकल प्रैक्टिस
नागपुर। कुछ दिन पहले सीबीआई ने बिना जरूरी टेस्ट दिए भारत में इलाज करने वाले 73 डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसी मामले में दिल्ली की सीबीआई टीम ने देशभर में 91 जगहों पर छापेमारी की। इनमें विदर्भ के 2 डॉक्टर भी शामिल हैं। गुरुवार को सीबीआई की एक टीम नागपुर आई और आज्ञा राम देवी मंदिर के पास रतन देवी कॉम्प्लेक्स में रहने वाले डॉक्टर चेतन चैतपुणे के घर पर छापा मारा। साथ ही बुलढाणा के मेहकर में रहने वाले डॉक्टर विनायक मगर के घर पर भी छापा मारा गया। सीबीआई ने विभिन्न राज्यों की 14 मेडिकल काउंसिल को भी जांच के दायरे में लिया है।
विदेश में चिकित्सा शिक्षा के बाद सभी डॉक्टरों के लिए भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एफएमजीई (विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा) स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना अनिवार्य है। लेकिन पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में विदेश से लौटे डॉक्टरों ने इस परीक्षा को पास किए बिना ही अलग-अलग राज्यों की मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराकर ‘अभ्यास’ शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा था। विभाग के केंद्रीय सचिव ने तब सीबीआई को जांच के लिए लिखा था। देश भर के 73 डॉक्टरों के नाम सामने आए। इसमें चेतन और विनायक शामिल थे।
चेतन ने 2020 में कुबन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, रूस से एमडी फिजिशियन की पढ़ाई की। भारत लौटने के बाद, वह एफएमजीई टेस्ट में फेल हो गया। उसके बाद भी चेतन ने हरियाणा मेडिकल काउंसिल में झूठा रजिस्ट्रेशन कराया। बुलढाणा के विनायक मगर ने भी 2015 में चीन की जीनिंग यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया, लेकिन एफएमजीई की परीक्षा में फेल हो गए। उसके बाद भी विनायक महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत थे। 21 दिसंबर को सीबीआई की दिल्ली शाखा ने सभी 73 डॉक्टरों की जानकारी सामने आने के बाद मेडिकल काउंसिल और डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। गुरुवार को सीबीआई की टीमों ने चेतन और विनायक के घर पर छापा मारा और मामले से जुड़े दस्तावेज जब्त किए। फिलहाल मामले में किसी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि सभी डॉक्टर देश के अलग-अलग शहरों में प्रैक्टिस कर रहे हैं।