नागपुर. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की टीम 4 फरवरी को कोराडी (KTPS) और खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशनों का निरीक्षण करने के लिए आ रही है. वह फ्लाई ऐश से फैल रहे जल प्रदूषण का जायजा लेगी. इस संबंध में मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी ने महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (MahaGenco) को साइट इंस्पेक्शन के मद्देनजर जरूरी इंतजाम करने के लिए कहा है. निरीक्षण के दौरान महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सेंटर फॉर सस्टेनेबल डिपार्टमेंट (CSFD) के सदस्य भी साथ रहेंगे.
बताया जाता है कि कोराडी और खापरखेड़ा थर्मल पावर से निकलने वाले खतरनाक फ्लाई ऐश को नदियों में बहाया जा रहा है. इससे आसपास के इलाकों का पानी बेहद प्रदूषित हो गया है. जमीन के अंदर का पानी भी पीने योग्य नहीं है. थर्मल पावर प्रबंधन की इस लापरवाही के खिलाफ शिकायत की गई थी. पानी के प्रदूषित नमूनों को भेजा गया था. इस शिकायत को पर्यावरण मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए जांच टीम को भेजने का निर्णय लिया है.
टीम के सदस्य 3 फरवरी को ही नागपुर आ जाएंगे, लेकिन साइट विजिट 4 फरवरी को करेंगे. सीएसएफडी की निदेशक लीना बुधे ने बताया कि पर्यावरण को बचाने के लिए यह अच्छी पहल है. वर्तमान में प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने हाल ही में पावर जेनरेशन कंपनी को हिदायत थी कि वह फ्लाई ऐश का 100 फीसदी उपयोग सुनिश्चित करें तथा कोराडी और खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन से फैलने वाले प्रदूषण को समाप्त करें. इन दोनों थर्मल पावर स्टेशनों में फ्लाई ऐश से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए उचित प्रबंधन नहीं होने की शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में की गई थी.
सीएसएफडी की निदेशक लीना बुधे ने कहा कि खापरखेड़ा पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश को कन्हान नदी में बहाते हुए कई बार पकड़ा गया है. यह मामला भी ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रहा है. गौरतलब है कि दोनों थर्मल पावर स्टेशन के अधिकारियों के खिलाफ पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करने और प्रदूषण को समाप्त करने की दिशा में लापरवाही बरतने के आरोप लगते रहे हैं.