नागपुर: विधानपरिषद में मंगलवार बुधवार को सभापति और नारायण राणे के बीच हल्की जुबानी जंग हुयी। हुआ यूँ की विपक्ष द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्ताव पर सत्तापक्ष के सदस्य को बोलने दिए जाने का मौका मिलने पर राणे ने विरोध किया। गुस्से में राणे ने कह दिया की सदन का कामकाज संसदीय प्रणाली से होगा नाकि सभापति के केबिन में तय कार्यक्रम के हिसाब से। राणे की इस टिपण्णी पर सभापति रामराजे निम्बालकर आहत दिखाई दिए। उन्होंने राणे को कहाँ की आप नियमित यह आरोप लगाते है लेकिन सदन का कामकाज नियम से ही चलाया जा रहा है।
सभापति ने राणे से सीधा सवाल पूछा की क्या उनका कहने का मतलब ये है की वो सदन की कार्यवाही नियम से नहीं चला रहे है। माहौल के गरमाता देख सुनील तटकरे ने राणे को शांत कराया। जिसके बाद राणे ने कहाँ की वह सभापति पर आरोप नहीं लगा रहे है बस इतना चाहते है की सदन की कार्यवाही नियम से चले।