देश के पूर्व पप्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर की ९६ वी जयंती भ्रष्टाचार विरोधी जन मन के कार्यालय में मनाई गई। इस अवसर पर चंद्रशेखर के निकट सहयोगी रहे एडवोकेट बी जे अग्रवाल ने कहा कि चंद्रशेखर देश के एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किया और प्रधानमंत्री जैसे शिर्ष पद को भी सिद्धान्तों के खातिर कुर्बान कर दिया। आज की नई पीढ़ी को उनके जीवन से सिख लानी चाहिए।
भ्रष्टाचार विराधी जनमन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि चंद्रशेखर जी ने धर्म, जाती के नाम पर राजनीति करने वालो का हमेशा विरोध किया और इससे देश की एकता और अंखडता के लिए एक बड़ा खतरा माना। धर्म की राजनीति करने वालो को वे हमेशा के एक बात कहते थे हम जिस संस्कृति में पैदा हुए है
उसमें एक ही बात कही जाती है हे राम हमारा उद्धार करो पर देश मे नए पराक्रमी पैदा हो गए है जो राम का ही उद्धार करने निकले है। बेवजह के धार्मिक उन्मादों से कुछ हासिल नही होगा। अगर देश को गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, बेरोजगारी से लड़ना है तो हमें आपस में लड़ना बंद करना पड़ेगा। आज चंद्रशेखरजी के विचारों को आत्मसाद करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर संदीप अग्रवाल, पंडरी बागड़े, सचिन त्र्यम्बककर, अशोक कामडे, दीपक वर्मा, शोयब अली, मधु बुराडे, भाऊराव कंगाली, शैलेश राउत आदि उपस्थित थे।