नागपुर : आ भा ग्राहक कल्याण परिषद ( आल इंडिया कंज्यूमर वेलफेयर काउंसिल), की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, ने कहा है कि, जो अस्पताल धर्मदाय आयुक्त के से अनुदान तत्व पर, एवं लीज पर जमीन प्राप्त करके, नाममात्र शुल्क पर समाज सेवा के नाम पर मुहर लगने के बाद,दुकानदारी चला रहे हैं, उन सभी अस्पतालों ने आंख बंद करके, कॉविड-१९ में प्रशासन की मदद करने की जरूरत है, यह मांग आ भा ग्राहक कल्याण परिषद के *राष्ट्रीय अध्यक्ष* अश्विन जी महाडिया, *कार्याध्यक्ष , प्रताप मोटवानी ,सुभाष अग्रवाल ,, माधुरी केदार,प्रा विजय केवलरमनी, एवम् *राष्ट्रीय महासचिव* देवेन्द्र तिवारी ने किए है।
आल इंडिया कंज्यूमर वेलफेयर काउंसिल की _राष्ट्रीयकार्यकारिणी_ ने कहा है कि, मा प्रधानमंत्री,मा उद्धव ठाकरे मा नितिन जी गड़करी, मा देवेन्द्र फडणवीस, मा महापौर, मा नितिन राउत पालकमंत्री, मनपा आयुक्त,जिलाधिकारी, सरकारी आदमी, डॉक्टर्स सेवक ये सभी जनता के लिए कॉविड-१९ से बचाव के लिए रातो दिन मेहनत कर रहे हैं।
धर्मदाय्य के अन्तर्गत आने वाले अस्पतालों की संख्या लगभग 5-7%, लीज की जमीन पर चलनेवाले १०%, रिसर्च सेंटर के नाम पर मुहर लगाकर चलने वाले अस्पताल 15%, है।
यदि ये अस्पताल प्रशासन की मदद करने में आगे नहीं आते हैं, तो इनकी मान्यता रद्द करने में कोई हर्ज नहीं है।
आज निजी अस्पताल डेढ़ लाख, दो लाख, तीन लाख रूपए, अर्थात मनमाने ढंग से रूपए कॉविड – के इलाज के नाम पर पहले रूपए जमा करने और बाद में इलाज के लिए एडमिट करते हैं। अब कोविड़-१९ के बाद शायद ही कोई इन्हे भगवान मानेगा। आ भा ग्राहक कल्याण परिषद ने कहा है कि कुछ अस्पताल के डॉ मदद करते हुए दिखे है, पेसेंट की मदद करने के लिए एडमिट भी किया है।
आ भा ग्राहक कल्याण परिषद ( ए आई सी डब्लयू सी) ने आव्हान किया है कि, ढर्मदाय लीज की जमीन पर चलने वाले,भगवान के स्वरूप डॉक्टर कृपया पहले रूपए जमा करने, और बाद में इलाज के लिए एडमिट करने, की मांग पेशंट से ना करे। एवं प्रशासन की मदद करें यह मांग, **उपाध्यक्ष**पंकज मिश्रा, प्रो सुधाकर, पंकज मिश्रा सर्णाप्पा बार्शी, बी सिद्धार्थ,भारत नामदेव, सुलोचना बेहरा, रमेश लालवानी, रंजीता नवघरे , विनित झा,मंजूषा सरकार, सुनीता पांडे, गज़ाला रमेश, आर लक्ष्मी, एड गौरव सिंह सेंगर, एड विजय निर्मला, अशोक राचलवार, जगदीश narad, नीलम केवालरामनी, वर्षा निकम, मैडम हेल्डन ने किया है।