Published On : Mon, May 2nd, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

सुविधाओं से वंचित है मैंगनीज परियोजना से प्रभावित के नागरिक

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– रोजगार के लिए तरस रहे

नागपूर -मध्यप्रदेश शासन तथा केन्द्र सरकार के संबंधित अधिकारियों ने छिन्दवाडा जिला के सौंसर तहसील अंतर्गत ग्राम पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी और कोपरावाडी परिसर की राजस्व वन भूमि,ग्राम आबादी भूमि तथा चारागाह भूमि का निरीक्षण अवलोकन और अध्ययन किये बिना मैंगनीज खदान खनन के लिए खनन पट्टा व लीज मंजूर करवा दी गई ?
इससे प्रभावित वहां के नागरिकों को नौकरी रोजगार और प्राथमिक सुविधाओं से वंचित रखा गया है ?
इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मध्यप्रदेश शासन के संबंधित अधिकारियों की चुप्पी विभिन्न संदेह को जन्म देती है ?

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एक सर्वेक्षण के अनुसार महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश सीमा से करीबन 15 कि.मी.दूरी पर स्थित निरी कंपनी द्धारा संचालित मैंगनीज अयस्क खदान से प्रभावित छिन्दवाडा जिले के सौंसर तहसील अंतर्गत पलासपानी-कच्छीढाना,रामपेठ दमानी और कोपरावाडी निवासी आदिवासियों और जनसामान्य नागरिकों को बेरोजगारी के कारण भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है ?

वहीं आवश्यक सुविधाओं के अभाव में उन्हे काफी दिक्कतों एवं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ? तत्संबंध में सौंसर तहसील के जागरुक नागरिकों की माने तो मध्यप्रदेश शासन ने विगत 1996 मे उक्त मैंगनीज अयस्क खदान परिक्षेत्र का निरीक्षण,अवलोकन और अध्ययन किये बिना मुंबई की मेसर्सः कृष्णापिंग फेरो अलाएस प्रा लि के नामक कंपनी के नाम पर खनन पट्टा व लीज मंजूर कर दी गई ?

नतीजतन उपरोक्त खनन पट्टा व लीज धारक कंपनी प्रबंधन ने बिना पर्यावरण मंजूरी के अंधाधुन तरीके से अत्यंत गहरे भूगर्भ का खनन शुरु किया गया है ? परिणामतः मैंगनीज खदान से प्रभावित पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी और कोपरावाडी सहित करीबन 15 से 20 गांवों वासियों में प्रदूषण की मार तथा वहां का पर्यावरण पृथ्वी व प्राकृतिक संतुलन बिगडने से वहां किसी क्षण भूकंप का खतरा उत्पन्न हो सकता है ?


ग्रामवासियों को पुनर्वास की समस्या
नागरिकों के मुताबिक उपरोक्त ग्रामवासियों को नगर रचना अनुसार अन्यत्र पुनर्वास नहीं करवाया गया, जबकि शासन अधिकारियों की लापरवाही के चलते खनन कंपनी ने ग्रामः पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी परिसर की आबादी भूमि,राजस्व व वन भूमि,चारागाह भूमि पर अंधाधुंध तरीके भूगर्भ का खनन कर लिया गया है? इतना ही नहीं उपरोक्त खनन पट्टा व लीज धारक कंपनी प्रबंधन ने ग्रामवासियों के लिए पेय-जलापूर्ति नल योजना, बोअरवेल,मजबूत सडक,स्कूल इमारत,मंदिर,मस्जिद,समाज भवन,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,शमशान भूमि-शेड तथा मुस्लिम कब्रस्तान भूमि भी उपलब्ध नहीं करवाया गया ? इससे वहां के निवासी आदिवासियों तथा जन सामान्य नागरिकों को काफी दिक्कतों और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

डैम भूमि पर अवैध कब्जा और उत्खनन
नागरिकों ने बताया कि विगत सन 2003- 2004 के दौरान मध्यप्रदेश शासन की ओर से पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी वासियों को पेयजल समस्या से निजात पाने के लिए लाखों रुपये की लागत से वहां राजीव गांधी स्टाप डैम(जलाशय) का निर्माण करवाया गया था ? परंतु शासन अधिकारियों की लालफीताशाही के चलते खनन माफिया कंपनी तथा संचालक सदस्यों ने उक्त डैम भूमि के रेकार्ड में हेराफेरी करवाकर कंपनी के नाम कर लिया और वहां खनन मशीनरियों के माध्यम डैम को नेस्तानाबूत कर दिया गया ? तत्संबंध में छिन्दवाडा जिलाधीश,एस डी ओ एम,तहसीलदार सौंसर और पुलिस विभाग ने दोषी कंपनी मेसर्सः कृष्णापिंग फेरो अलाएस प्रा लि पर कोई कार्यवाई नहीं की ?
जागरूक नागरिकों का तर्कसंगत आरोप है कि मध्यप्रदेश शासन के संबंधित अधिकारी खनन माफिया संरक्षण दे रहे हैं ?
उक्त मामले को लेकर एमओडीआई फाउंडेशन ने सीबीआई की अदालत के माध्यम से निष्पक्ष एवं सूक्ष्म जांच-पडताल की मांग की तथा दोषियों पर कठोर कारवाई की जाए ताकि इस करोड़ों रुपये के सरकारी राजस्व नुकसान करने वालों अंकुश लगाया जा सके.

पेयजल के लिए दर-दर भटकते मनुष्य और मवेशियां
उक्त डैम भूमि पर अवैध कब्जा और उत्खनन की वजह से ग्राम पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी परिसर के कुंओं और हैंडपंपों का जल स्तर गायब हो गया है.नतीजतन वहां के किसान नागरिकों और कृषि मजदूरों के पालतू जानवरों मवेशियों और जंगली जानवरों को पेयजल की तलाश मे दर-दर भटकना पड़ रहा है ? इस संबंध मे वहां के आदिवासियों तथा जन सामान्य नागरिकों ने तत्संबंधित विभाग के संबंधित अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई थी ? परंतु संबंधित अधिकारियों ने उनके एक भी सुनी नही और अनसुना कर उत्तर तोड़ जबाव देकर अपना उल्लू सीधा कर रहे.

चारागाह भूमि पर अतिक्रमण
सरकारी राजस्व रेकार्ड के अनुसार ग्राम पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी के आसपास करीबन 100 से150 हेक्टेयर भूमि चारागाह के लिए आरक्षित थी.परंतु राजस्व अधिकारियों की संदेह जनक चुप्पी से उपरोक्त खनन कंपनी ने संबंधित अधिकारियों के सहयोग और मार्गदर्शन में चारागाह भूमि पर जबरन अतिक्रमण करके वहां भूगर्भ का खनन कर लिया गया. इससे वहां के पालतू जानवरों मवेशियों और जंगली जानवरों चारे के लिए दरदर भटकना पड़ रहा है ?

ज्ञातव्य है कि यहां ग्राम पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी और कोपरावाडी परिसर की वन भूमि तथा राजस्व भूमि की समय समय पर निगरानी तथा भूमि निरीक्षण के लिए सौंसर के अनुविभागीय अधिकारी के मार्गदर्शन मे तहसीलदार,राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों द्धारा देखरेख मुआयना किया जाता रहा है. उसी प्रकार दक्षिण छिन्दवाडा वन मंडल अधिकारियों के मार्गदर्शन में वन अधिकारियों और नाकेदारों द्धारा निरीक्षण अवलोकन और मुआयना किया जाता रहा है परंतु यह सभी को मालुम होते हुए भी कि मेसर्सः कृष्णापिंग फेरो अलाएस प्रा लि प्रबंधन ने वन एवं राजस्व भूमि पर जबरन अतिक्रमण कर खनन कर लिया गया है ? परंतु अधिकारियों ने दोषी कंपनी पर कोई कार्यवाई नहीं की? खनन प्रभावितों की माने तो संबंधित अधिकारी वेतनमान सरकार से लेते हैं और कार्य खनन माफिया के संरक्षण लिए करते है ?

मवेशियों को अकाल मौत का खतरा ?
चारागाह भूमि के 250 फुट गहरी खाईनुमा खदान मे गिरकर जानवरों की मौत हो सकती है ? और मूक प्राणी अपाहिज हो सकते है, इतना ही नही उपरोक्त ग्रामवासियों की सैकडों एकड़ आबादी भूमि पर भी जबरन अतिक्रमण करके खनन कर लिया गया ? कंपनी प्रबंधन की दमनकारी नीतियों के चलते आदिवासियों तथा जन सामान्य नागरिकों को तथा उनके पालतू जानवरों मवेशियों का चारा-पानी के बिना भविष्य तबाह होने की कगार पर है ?

स्थानीय मजदूरों को दिखाया जा रहा ठेंगा
सरकारी नियमों के मुताबिक संबंधित स्थानीय परियोजना में 80 प्रतिशत स्थानीय बेरोजगार नागरिकों को नौकरी रोजगार से जोड़ना चाहिए था परंतु उक्त मैंगनीज खनन कंपनी मेसर्सः कृष्णापिंग फेरो अलाएस प्रा लि ने खनिज उत्खनन कार्यों के लिए अधिकांश श्रमिक बाहरी राज्यों बुलाये है लेकिन स्थानीय ग्राम पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ के बेरोजगार नागरिकों को मौका नहीं दिया,इससे स्थानीय बेरोजगार नागरिकों को नौकरी रोजगार और पुनर्वास की चिंता सताए जा रही है ?

दोषी खनन कंपनी पर कठोर कारवाई की मांग
इस संबंध मे आल इंडिया सोशल ओर्गनाईजेशन एवं एमओडीआई फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से मध्यप्रदेश शासन तथा केन्द्र सरकार के संबंधित अधिकारियों से जबाव मांगा है कि नागरिकों के अधिकारों का हनन करने वाली खनन माफिया कंपनी मेसर्सः कृष्णापिंग फेरो अलाएस प्रा लि नियमानुसार सूक्षम जाँच-पड़ताल कर राजस्व भुगतान वसूला जाए तथा उक्त दोषी कंपनी का खनन पट्टा,लीज एवं परमिट जप्त करके उसे भारत वर्ष में ब्लैकलिष्ट कर दिया जाए ? इसके अलावा गहरी खाईनुमा खनन भूमि पर राख-रेती मुरुम से भराई करने का जिम्मा उक्त खनन कंपनी को सौंपा जाए ?

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