– मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने ‘जीएमआर’ कंपनी को ठेका देने का निर्देश दिया
नागपुर -नागपुर एयरपोर्ट के विकास का ठेका किसे दिया जाए, इस पर विवाद थम गया है. मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने ‘जीएमआर’ कंपनी को ठेका देने का निर्देश दिया है। नतीजतन अब विवाद सुलझ गया है और कई सालों से ठप पड़े हवाईअड्डे के विकास का रास्ता साफ हो गया है.
उक्त कंपनी के खिलाफ भारतीय विमानपत्तन विकास प्राधिकरण और मिहान इंडिया ने अपील दायर की थी। न्यायालय ने उक्त कंपनी के पक्ष ने न्याय करते हुए अपील को ख़ारिज कर दी.
गौरतलब है कि इससे पहले हवाईअड्डा विकास अनुबंध की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। जीएमआर एयरपोर्ट और जीएमआर नागपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई में अनुबंध प्रक्रिया को रद्द करने के विवादास्पद निर्णय को अमान्य घोषित कर दिया गया।
मिहान इंडिया कंपनी ने पीपीपी डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण के आधार पर हवाई अड्डे के विकास के लिए 2016 में निविदाएं आमंत्रित की थीं। इसमें करीब 13 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। इनमें से जीएमआर समेत चार अन्य कंपनियों को तकनीकी बोली के लिए चुना गया था।
इसके बाद जीएमआर कंपनी को ठेका देने का फैसला किया गया, जिसने सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। जीएमआर नागपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मिहान इंडिया की अनुमति से स्थापित किया गया था। हालांकि, लाभ बंटवारे पर कोई संतोषजनक समझौता नहीं हुआ। इसलिए, 19 मार्च, 2020 को मिहान इंडिया ने पूरी अनुबंध प्रक्रिया को रद्द कर दिया था।
जीएमआर ने शुरुआत में मिहान इंडिया को कुल मुनाफे का 5.76 फीसदी बोली लगाई थी। यह बोली अन्य कंपनियों के मुकाबले ज्यादा थी।