नागपुर-उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी को लेकर महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश सरकार में टकराव होता नजर आ रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनौती भरे अंदाज में कहा है कि अगर हिम्मत है तो फिल्म सिटी को यूपी ले जाकर दिखाएं. ठाकरे ने कहा कि जिस भूमि पर दादा साहब फाल्के ने फिल्म निर्माण की शुरुआत की. उस जगह पर मैं किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दूंगा. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नोएडा में फिल्म सिटी बनाने के एलान के बाद से ही बीजेपी और शिवसेना आमने सामने हैं.
फिल्म सिटी पर क्या बोले उद्धव ठाकरे?
फिल्म सिटी के मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, ” बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई सारी समस्याएं और परेशानियां हैं जिनको दूर करने का काम हमारी सरकार करेगी. बॉलीवुड इंडस्ट्री को जो भी सुविधाएं चाहिए उन्हें मुहैया करवाया जाएगा. बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई सारी समस्याएं और परेशानियां हैं जिनको दूर करने का काम हमारी सरकार करेगी. बॉलीवुड इंडस्ट्री को जो भी सुविधाएं चाहिए उन्हें मुहैया करवाया जाएगा.”उन्होंने कहा, “फिल्म निर्माण महाराष्ट्र में सबसे अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए. इसके लिए आपको प्रौद्योगिकी और स्थान की आवश्यकता है. तदनुसार एक कार्य योजना बनाएं, अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करें और हम इसे पूरा करेंगे.”
ठाकरे ने कहा, “आज साउंड-मिक्सिंग के लिए लोग लंदन जाते हैं. हमारे पास मुंबई में समान सुविधाएं क्यों नहीं हो सकतीं. हम अधिक लोगों तक पहुंच के लिए राज्य में किफायती थिएटर और सिनेमा घर स्थापित करने के लिए भी काम करेंगे.”
ठाकरे ने कहा कि मनोरंजन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि, “सरकार जल्द ही फिल्म और मनोरंजन उद्योग के सभी हितधारकों के साथ मिलकर मेगा-सुविधाएं बनाने के लिए मिलकर काम करेगी और इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश करेगी.”
फिल्म सिटी पर आमने सामने बीजेपी और शिवसेना
शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी फिल्म सिटी को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा गया था. सामना में लिखा था, ” मुंबई से बॉलीवुड को दूसरी जगह शिफ्ट करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. लेकिन हम इसे पूरा नहीं होने देंगे. मुंबई महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक राजधानी भी है.”
सामना में लिखा, ”जब लॉकडाउन और कोरोना की वजह से फिल्म सिटी बंद है तब योगी जी नई फिल्म सिटी बनाने की बात कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय सलाहकारों के मार्गदर्शन के साथ यह काम शुरू किया जाएगा और अगले ढाई वर्ष के भीतर यह काम पूरा कर लिया जाएगा. यह सब होने के बाद भी मुंबई की फिल्म सिटी का महत्व कम नहीं होगा.’