– कोल इंडिया की अन्य कंपनियां खासतौर से बीसीसीएल एवं ईसीएल को भी अलग किया जा सकता है। चारों यूनियन ने सरकार से अपना निर्णय को वापस लेने कहा है।
नागपुर – कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषांगिक कपंनी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (CMPDI) को मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (MECL) में विलय किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जेबीसीसीआई की मीटिंग में सम्मिलित होने कोलकोता पहुंचे एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक के नेताओं ने संयुक्त तौर पर बैठक की और इस संदर्भ में दो बिंदुओं प्रस्ताव पारित किया।
जो इस प्रकार है :
भारत सरकार ने सीएमपीडीआई एवं एमईसीएल के विलय के प्रस्ताव को अनुमति दी है। इस निर्णय का हम सख्त विरोध करते हैं।
इससे हम लोगों की समझ बनती है कि सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने का सरकार ने मन बना लिया है। इस संबंध में आगे कहना चाहते हैं कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में ट्रेड यूनियनों को यह आश्वासन दिया गया था कि कोल इंडिया से सीएमपीडीआई को अलग नहीं किया जाएगा। सरकार का यह विलय प्रस्ताव दिए गए आश्वासन के विपरीत है।
यूनियन ने संयुक्त रूप से यह भी कहा कि है कोयला मजदूरों के 11वें वेतन समझौते की बातें चल रही है जिसमें सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग नहीं करने की मांग की गई है।
श्रमिक संगठनों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार द्वारा लिया गया विलय का निर्णय अनुचित है तथा इस निर्णय से औद्योगिक शांति भंग हो सकती है।
इससे यह भी आशंका बनती है कि कोल इंडिया की अन्य कंपनियां खासतौर से बीसीसीएल एवं ईसीएल को भी अलग किया जा सकता है। चारों यूनियन ने सरकार से अपना निर्णय को वापस लेने कहा है।