नागपुर – एक समय कोयला उत्पादनके मामले में एसिया खंड मे भारत सबसे अग्रसर रहा है।परंतु विगत 29 जून, 2021 को कोयला मंत्रालय द्वारा ‘अंतरिम कोयला सांख्यिकी 2020-21’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गई थी।जिसमे वैश्विक महामारी कोरोना विषाणुओं के प्रादुर्भाव की वजह से सरकार द्वारा जारी लाकडाऊन की वजह से 2020-21 में भारत का कोयला उत्पादन 2.02% घटकर 716.084 रहा गया है वर्ष(2020-21) में कोयला और लिग्नाइट क्षेत्र के प्रदर्शन के संबंध में अनंतिम जानकारी शामिल है।
मुख्य बिंदु –वर्ष 2020-21 में भारत का कोयला उत्पादन 2.02% घटकर 716.084 मिलियन टन रह गया lवर्ष 2019-20 में कोयले का वास्तविक उत्पादन 730.874 मिलियन टन रहा।जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ ने सर्वाधिक 158.409 मिलियन टन (22.12%) कोयला(cooking +non cooking) उत्पादन दर्ज किया। इस अवधि के दौरान कोयला उत्पादन में ओडिशा, मध्य प्रदेश और झारखंड क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे सबसे बड़े राज्य हैं।वित्त वर्ष 2020-21 में झारखंड 44.387 मिलियन टन के उत्पादन के साथ कोकिंग कोल का शीर्ष उत्पादक था। जबकि, छत्तीसगढ़ 158.190 मिलियन टन के उत्पादन के साथ गैर-कोकिंग कोयले का शीर्ष उत्पादक रहा है ।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत का लिग्नाइट उत्पादन 13.02% घटकर 36.614 मिलियन टन हो गया था।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में लिग्नाइट का वास्तविक उत्पादन 42.096 मिलियन टन रहा।वर्ष 2020-21 में, कुल लिग्नाइट उत्पादन में हिस्सेदारी वाली चार प्रमुख उत्पादक कंपनियां नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन लि. (52.61%), बाडमेर लिग्नाइट माइनिंग कंपनी लि. (16.44%), गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. (16.40%), और गुजरात इंडस्ट्रीज पॉवर कंपनी लि. (9.58%) थीं। समझा जा रहा है कि लाकडाऊन समाप्त होने की वजह से भविष्य में भारत कोयला उत्पादन में रिकॉर्ड बृद्धि करेगा।