– स्थानीय सफेदपोश कोयला लिप्त,सरकार को करोडों-अरबों रुपये की चपत
नागपुर -महाराष्ट्र राज्य की ताप बिजली परियोजनाओं को आपूर्ति किया जाने वाली मालगाड़ियों की रफ़्तार धीमी होते ही कोयला चोरी चर्म पर है.इससे सरकार को राजस्व हानि हो रही हैl बताया जाता है कि महानिर्मिती के पावर प्लांटों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की साऊथ ईस्टर्न कोल फिल्ड्स लि तथा महानदी कोल फिल्ड्स लि उडीसा की कोयला खदानों से रेलवे के माध्यम से कोयला आपूर्ति किया जाता है परंतु सभी रेलवे क्रॉसिंग के एकदम नजदीक पंहुचते ही मालगाड़ियों की रफ़्तार धीमी हो जाती है ?
परिणामतः कोयला तस्करी में लिप्त स्थानीय सफेदपोशों का समूह कोयले रैक पर चढकर भारी मात्रा मे कोयला उतार लेते हैं. जब यहां कोयला खदानों की कोलयार्डों और साईडिंग से कोयला अनलोडिंग करके मालगाड़ी कोयला लेकर निकलती है तो अनेक रेलवे क्रॉसिंग के पास नबालिग कार्यकर्ताओं का समूह चलती मालगाड़ी में चढ़कर कोयला उतारने में लग जाते हैं. ये बच्चे यहीं नहीं रुकते चलती मालगाड़ी के एक डब्बे से दूसरे डब्बे में इस तरह दौड़ लगाकर जाते हैं मानो किसी मैदान में दौड़ रहे हों.
महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपूर जंक्शन में भी अवैध कोयले का कारोबार चरम पर है. इसको रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे.अवैध कोयले के कारोबार में बच्चे अपनी जान तक की फिक्र नहीं करते हैं.चलती मालगाड़ी में दौड़ लगाकर कोयला चोरी को अंजाम देते हैं
कोयला चोरी करने के लिए बच्चों के हैरतअंगेज कारनामों को देखकर आपनी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी.महाराष्ट्र राज्य के ताप बिजली परियोजनाओं में पंहुचाने तक अनेक रेल क्रॉसिंग है.सभी रेल क्रॉसिंग के एकदम नजदीक रेल साइडिंग होते है.
लंबी दूरी कोलकाता, पुरी,आसाम गोवाहाटी,बेंगलोर,चेनई,व दिल्ली की ओर से आने जाने वाली सुपर एक्सप्रेस को पास करने के लिए रेलवे स्टेशनों के साईडिंग में कोयला मालगाड़ियों को रोकना पडता है तो रेलवे स्टेशन क्रॉसिंग के पास धीमी रफ़्तार होते ही नाबालिग बच्चे चलती मालगाड़ी में चढ़कर कोयला उतारने में लग जाते हैं. ये बच्चें यहीं नहीं रुकते चलती मालगाड़ी के एक डब्बे से दूसरे डब्बे में इस तरह दौड़ लगाकर जाते हैं मानो मैदान में दौड़ लगा रहे हो ?
इतना ही नही जब कोयला से लदी मालगाड़ी महाराष्ट्र के पावर प्लांटों के नजदीक पंहुचते ही रफ़्तार को धीमी करना पड़ता है ताकि मालगाड़ी बेपटरी न हो जाए ?
नतीजतन कोराडी पावर प्लांट,खापरखेडा,परली-वैजनाथ,पारस, भुशावल और चंद्रपुर महाताप बिजली केन्द्र के कोल हैंडलिंग प्लांट के वैगन टिप्लर पंहुचने के पूर्व ही कोयला रेक पर चढकर कोयला की तस्करी जमकर शुरु है ? इस घटना के लिए महानिर्मिती के सुरक्षा प्रशासन भली भांति वाकिफ है ? परंतु कोयला माफियाओं के भय से भयभीत कोयला चोरों से कोई भी अधिकारी और सुरक्षा गार्ड बड़ी कार्रवाई नहीं करना चाहता है ?