नागपुर: केंद्र और राज्य सरकार की ओर से देश को स्वच्छ बनाने का अभियान शुरू है। सरकार की माने तो यह काम जोरों शोरों से शुरू है। हाल ही में इस अभियान में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अभिनेता अमिताभ बच्चन ने नागपुर के जिलाधिकारी सचिन कुर्वे को उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए सम्मानित किया। पर अगर आप गलती से कभी जिलाधिकारी कार्यालय पहुँच गए तो आप सम्मान पर सवाल उठाने से नहीं चुकेगे।
जिलाधिकारी जिस जगह बैठते है वहाँ उनका कैबिन भले चमकदार हो पर उनके कुछ कदमो की दुरी पर साफ सफाई के सारे दावे खोखले ही साबित होते है। कार्यालय परिसर में मुख्य इमारत के पीछे आपको मिनी डंपिंग यार्ड जैसा नजारा देखने को मिलेगा। वही कई कार्यालय गंदगी के शिकार है। दीवारों में पेंट के साथ उपटे पीक के लाल रंग पीकदान जैसे दिखाई देते है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में आते ही हर सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों से अपने कार्यालय परिसर के आस-पास स्वच्छता रखने की अपील की थी। इसके तहत महीने में दो शुक्रवार को अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर कार्यालय ही नहीं बल्कि परिसर की स्वच्छता की ओर ध्यान देने की अपील भी की गई। अब सरकार के पुराने होते ही यह अभियान भी पुराना हो गया और स्वच्छता अभियान केवल खाना पूर्ती साबित होने लगा। जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में कुछ सरकारी कार्यालयों का जयजा लिया गया तो गंदगी का आलम नजर आया।
जिलाधिकारी कार्यालय परिसर से ली गईं तस्वीरों को देखकर साफ पता चलता है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष के ऊपर वाले मालों में गंदगी का आलम है। इसी तरह उसी इमारत के पिछले हिस्से में खुले में शौच करता एक व्यक्ति भी दिखाई दिया जबकि शौचालय बिलकुल बगल में था। शौचालयों से आती बदबू के कारण लोग लघुशंका तक के लिए यहां घुसना पसंद नहीं करते। इसी तरह मैरेज ब्यूरो कार्यालय की दीवार से ही लगे हिस्से में कचरा जमा दिखाई दिया। पास ही के अहाते में कचरे का अंबार लगा है। प्राय: यह किसी मिनी डंपिंग यार्ड जैसा रूप लेने लगा है।