नागपुर. सारी सरकारी यंत्रणाओं का कामकाज बीते करीब 2 वर्षों से कोविड केन्द्रित हो गया है क्योंकि लोगों की जान बचाना शासन की प्राथमिकता होती है. कोविड नियंत्रण और उपचार व्यवस्थापन में जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है. इस आपदा काल में भी लेकिन जिलाधिकारी विमला आर. ने दूसरे बेहद जरूरी कामकाजों को भी संतुलित न्याय देने का प्रयास किया है. फिर चाहे वह किसानों को फसलों के नुकसान का मुआवजा दिलाना रहा हो, कोविड से अनाथ हुए बच्चों के पालकत्व अनुदान की मदद हो या फिर दशकों से यहां रह रहे शरणार्थी पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दिलाना हो.
राजस्व विभाग की इन जिम्मेदारियों के बीच ही उन्होंने कलेक्ट्रेट के कार्य को अनुशासित व फ्रेंडली भी किया. उन्होंने बताया कि हेरिटेज इमारत होने के चलते ढांचे से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती लेकिन कार्यालय के सौंदर्यीकरण का भी कार्य करवाया है. इसके अलावा कलेक्ट्रेट की अत्याधुनिक व बहुमंजिला इमारत निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपयों का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा है. बीते बजट में सरकार ने नई कलेक्ट्रेट इमारत को मंजूरी दी है. अब इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलवा कर अत्याधुनकि कलेक्ट्रेट की नींव रखने का प्रयास है.
जिम्मेदारीपूर्ण गर्वनेन्स
विमला आर. ने बताया कि पदभार संभालते ही जिम्मेदारीपूर्ण गर्वनेन्स देने की कोशिश की है. कार्यालय के कामकाज की कार्यप्रणाली बदली है. राजस्व की रिकवरी बढ़ाई गई. जनप्रतिनिधियों व नागरिकों से प्रत्यक्ष संवाद कर कार्यों को करने का प्रयास रहा है. बड़ी संख्या में पट्टा वितरण का कार्य किया गया. नजूल के परमिशन दिये गए. उसका कहना है कि पाकिस्तानी सिटीजन्स को भारतीय नागरिकता देने का उल्लेखनीय कार्य भी हुआ. इससे उनकी कई तरह की समस्याओं का निराकरण हुए. उन्होंने बताया कि एक महिला तो ऐसी थीं जो अपने बचपन की फोटो लेकर आई थीं और जब उन्हें नागरिकता मिली तो काफी खुश हुईं.
लगभग 400 पाकिस्तानी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई. जिले में जेडपी उप चुनाव और विधान परिषद में स्थानीय निकाय संस्था वाली सीट का चुनाव भी उन्होंने बेहद नियोजित व शांतिपूर्वक तरीके से करवाने में सफलता पायी. जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ से फसलों के हुए नुकसान का तेजी से पंचनामा कर उन्हें मुआवजा वितरित किया गया. बीते वर्ष जिले में जलजीवन मिशन के तहत गांवों में नल कनेक्शन देने का कार्य तेजी से किया गया. 3.64 लाख का टारगेट था जिसमें से 3.10 कनेक्शन दिये जा चुके हैं.
नागरिक खुद समझे जिम्मेदारी
जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड से नागरिकों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और मैं चाहती हूं कि नागरिक खुद इसे समझे कि ‘जिंदगी मिलेगी न दोबारा’. प्रशासन नागरिकों की सुविधा व सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास व कार्य कर ही रहा है और नागरिकों का सहयोग इसमें बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि कोविड की पहली व दूसरी लहर में हुई क्षति को देखते हुए सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने तीसरी लहर से निपटने की सुविधाएं खड़ी की है. ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था ग्रामीण अस्पतालों व पीएचसी में भी की गई है. वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है. अब तो 15 से 18 वर्ष आयु के किशोरों को भी वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू कर दिया गया है. कोविड से बचने के लिए प्रोटोकाल का पालन ही सबसे जरूरी है. मैं नागरिकों को यह भी समझाने का पूरा प्रयास कर रही हूं.