भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से अलग विदर्भ राज्य पर स्थिति स्पस्ट करने की माँग विदर्भवादी संगठनो ने की है। वर्तमान में देश और राज्य में विदर्भ को लेकर शुरू राजनितिक खींचतान के बीच चुनाव पूर्व विदर्भ राज्य बनाने का वादा करने वाले गड़करी की चुप्पी पर विदर्भवादियों ने हैरानी जताई है। वी कनेक्ट और विदर्भ राज्य आघाड़ी के अनुसार इतना सब कुछ शुरू होने के बावजूद गडकरी खामोश है। जबकि उनके नेता अलग -अलग सुर में बोल रहे है। बीते दिनों पार्टी महासचिव मुरलीधर राव द्वारा विदर्भ पर दिए गए बयान पर वी कनेक्ट ने नाराज़गी जताई। विदर्भ की 62 में से 44 सीटो पर विजय के बाद पार्टी द्वारा सुर बदलने का आरोप विदर्भवादियों ने लगाया। पर यह चेताया की अगर विदर्भ राज्य नहीं दिया गया तो इसका परिणाम भाजपा ही भुगतेंगी। विदर्भ राज्य गठन का फैसला केंद्र के पाले में है। जहाँ पार्टी को पूर्ण बहुमत है। एक एक्ट लाकर राज्य का निर्माण आसानी से हो सकता है। गठबंधन की वजह से विदर्भ राज्य बनाने में असमर्थतता जताना महज बहाना है। मुरलीधर राव का बयान बचकाना और हास्यास्पद है। अगर पार्टी को अलग राज्य पर जनता का मत जानना हो तो वह जनमत संग्रह करावा सकती है यह काम चुनाव आयोग के मार्फ़त भी किया जा सकता है।
नाना पडोले का अभिनंदन
संसद में अलग राज्य के लिए प्रस्ताव लाने के सांसद नाना पडोले के फैसले का वी कनेक्ट ने स्वागत किया है। संस्था ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर विदर्भ राज्य के लिए आवाज बुलंद पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार और अन्य नेताओ का भी अभिनंदन किया है। विदर्भ के विधायको से महाराष्ट्र विधानसभा में लाये जाने वाले संयुक्त महाराष्ट्र के प्रस्ताव का विरोध करने की अपील भी की गई है। संस्था का कहना है विदर्भ के विधायको को जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित करते हुए। सदन में अलग राज्य माँग की आवाज बुलंद करना चाहिए।
अपनी बात पहुँचाने पीएम – गृहमंत्री से माँग है वक्त
विदर्भवादी संस्थाओ के अनुसार विदर्भ की जनता ने जनमत के माध्यम से अपनी राय दी है। इसके अलावा विदर्भ के अलग -अलग जिलो में विभिन्न प्रोफेशनल लोगो से जुडी संस्थाओ ने भी अलग राज्य के लिए प्रस्ताव पास किया है। स्थानीय निकाय संस्थाओ ने भी अलग राज्य का प्रस्ताव पास किया है। जनता की इस भावना को सरकार तक पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से वक्त माँगा गया है।