सीवर लाइनों पर मैनहोल की सफाई में रोबोट करेगी मदद
नागपुर: नागपुर स्मार्ट सिटी ने शहर में मैनहोल की सफाई और रखरखाव के लिए तीन रोबोटों को रखा है ताकि सफाई कर्मचारी सीवर लाइनों के मैनहोल में प्रवेश किए बिना उन्हें सुरक्षित रूप से साफ कर सकें। मनपा आयुक्त एवं प्रशासक राधाकृष्णन बी, नागपुर स्मार्ट सिटी सीईओ चिन्मय गोतमारे ने सोमवार को रोबोट द्वारा की गई सफाई का अवलोकन किया।
इस अवसर अपर आयुक्त राम जोशी, अधीक्षण अभियंता डॉ. मनोज तालेवार, उपायुक्त गजेंद्र महल्ले, महाप्रबंधक डॉ राजेश दुफारे, पर्यावरण विभाग के प्रमुख डॉ. शील घुले, प्रणिता उमरेडकर, डॉ पराग अनमल, कुणाल गजभिये आदि उपस्थित थे।
नागपुर स्मार्ट सिटी के निदेशक मंडल ने अत्याधुनिक रोबोट मशीन को पट्टे पर देने का निर्णय लिया था। यह रोबोट मशीन नागपुर शहर में सफाई कर्मचारियों की समस्या से निजात दिलाने में मदद करेगी। यह पहल नागपुर स्मार्ट सिटी के विजन के अनुरूप है ताकि उन्नत तकनीक का उपयोग करके शहर में मैनहोल के रखरखाव में अधिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।
नागपुर स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिन्मय गोतमारे ने कहा कि वर्तमान में मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत मैनुअल स्कैवेंजिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नागपुर महानगरपालिका के पास 10 जेटिंग मशीन और 4 सक्शन मशीन हैं। यह प्रमुख सड़कों पर सीवर कक्ष की सफाई में मदद करता है। लेकिन छोटी सड़कों पर ऐसा करना मुश्किल हो जाता है। रोबोट क्लीनिंग सिस्टम इस समस्या को दूर करने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आईओटी पर आधारित यह मैनुअल स्कैवेंजिंग रोबोट छोटी गलियों या गलियों में भी सीवर चैंबर की सफाई में मदद करेगा। इसके अलावा यह एक पायलट प्रोजेक्ट है और संतोषजनक काम मिलने पर नगर निगम और रोबोट खरीदने पर विचार करेगा। इन रोबोटों को जेनरोबोटिक्स कंपनी से लीज पर लिया गया है, नागपुर स्मार्ट सिटी ने इस कंपनी के लिए प्रत्येक रोबोट के लिए 7 लाख रुपए का किराया तय किया है।
रोबोट एक कैमरा और एक भुजा से लैस
शहर में मैनहोल की सफाई और रखरखाव के लिए अपनाए गए उक्त इलेक्ट्रिक रोबोट में एक कैमरा और यांत्रिक हथियार हैं। रोबोट लगभग 10 मीटर की गहराई पर मैनहोल को साफ कर सकता है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में केंद्र सरकार ने मैनहोल की सफाई के लिए इंसानों की जगह मशीनों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। स्वच्छ और सुंदर नागपुर की ओर नगर पालिका का यह एक बड़ा कदम है। इस बैंडिकूट रोबोट को केरल की एक स्टार्टअप कंपनी ने बनाया है और इस आविष्कार को अवॉर्ड मिला है।