– क्या ऐसे मसलों को नए मनपायुक्त गंभीरता से लेंगे !
नागपुर : नागपुर महानगरपालिका में सीधी भर्ती को तवज्जों सह पदोन्नति देने के बजाय अनुकंपा के तहत सेवारत हुए कर्मियों तहरिज दी जा रही.इसमें से कुछ निम्न श्रेणी के अधिकारी का पद के लिए न्यायालय की शरण में हैं और मनपा प्रशासन ने उन्हें विभाग प्रमुख की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप रखी हैं.
याद रहे कि पूर्व आयुक्त ने जाते-जाते अपने वाहन चालक का न सिर्फ कैडर बदला बल्कि उसकी तैनातगी आयुक्त कार्यालय में करने का आदेश जारी कर चलते बने।तो दूसरी ओर मनपा नियामवली के अनुसार अनुकंपा के तहत भर्ती होने वाले कर्मियों को वर्ग-3 के ऊपर पदोन्नत नहीं किया जा सकता और न ही उनका कैडर ( तकनीक से गैर तकनीक या फिर गैर तकनीक से तकनीक ) नहीं बदला जा सकता हैं।
इसके बावजूद अनुकंपा पर तब भर्ती होकर आज कनिष्ठ कर निरीक्षक हॉटमिक्स प्लांट विभाग के अतिरिक्त जिम्मेदारी के तहत विभाग प्रमुख हैं, साथ में परिवहन सभापति के सहायक भी हैं। इनके पास मेकेनिकल अभियांत्रिकी की डिग्री हैं, कभी मनपा कारखाना विभाग में मोटर वाहन निरीक्षक पद पर काम कर चुके हैं। जब मनपा आमसभा ने कारखाना विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय हुमने सह अन्य 3 कर्मियों को निलंबित कर दिया था तब आनन फानन में योगेश को हॉटमिक्स,कारखाना विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। जबकि यह पद वर्ग-1 का हैं। लेकिन बिना आदेश के अगले 6 माह तक योगेश ने अग्निशमन विभाग में भी हाज़िरी लगाई। क्योंकि कारखाना विभाग के निलंबित विभाग प्रमुख के पास अग्निशमन विभाग का भी अतिरिक्त जिम्मेदारी थी।
कारखाना विभाग में अनुकंपा के तहत भर्ती हुए मोनार्च वरम्भे व मिलिंद वाशिमकर लिपिक हैं। इन्होंने कनिष्ठ अभियंता पद पर पदोन्नत करने के लिए पहल की थी तो उन्हें तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त रविन्द्र कुंभारे व सामान्य प्रशासन विभाग प्रमुख महेश धामेचा ने उन्हें नियमों का वास्ता देकर उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया था। लुंगे भी अनुकंपा के तहत भर्ती हुए थे लेकिन उन्हें वर्ग-1 की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी।फिलहाल लुंगे के पास हॉटमिक्स विभाग प्रमुख का अतिरिक्त जिम्मेदारी हैं। साथ में परिवहन सभापति के सहायक की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे। वाशिमकर को प्रशासन ने प्रत्यक्ष रूप से पदोन्नति देने से मना करने के बाद हॉटमिक्स विभाग का अतिरिक्त कनिष्ठ अभियंता की जिम्मेदारी सौंप रखी हैं।ऐसे लाभ के पद से मोनार्च महरूम हैं।जबकि ये एमटेक हैं।
उक्त तीनों नए सिरे से खुले साक्षात्कार/ विभागीय परीक्षा देकर किसी भी पद पर आसीन हो सकते हैं लेकिन अनुकंपा के तहत वर्ग-3 के ऊपर नहीं पदोन्नत नहीं हो सकते।
उल्लेखनीय यह हैं कि 13 अक्टूबर 2016 को योगेश व किरण ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर खुद को कनिष्ठ अभियंता बनाने की मांग की थी। इस मामले की अंतिम सुनवाई होनी शेष हैं।
विडंबना यह हैं कि मनपा के उक्त 2 कर्मी कनिष्ठ अभियंता बनाये जाने के लिए न्यायालय में संघर्ष कर रहे और मनपा प्रशासन इनमें से लुंगे को अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में विभाग प्रमुख बनाये हुए हैं, इससे लुंगे व मेश्राम के मामलों में उन्हें मनपा प्रशासन सहयोग कर रही,ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होंगी। क्या मनपा आयुक्त मुंढे ऐसे मामलों को गंभीरता से लेंगे या फिर परंपरा के तहत मनपा का संचलन होने देंगे ?