– प्रतियोगिता परीक्षा केंद्र, काटोल की अच्छी पहल
काटोल – प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए आजकल अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं. प्रतियोगी परीक्षाएं समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक आसान तरीका है. क्योंकि जब आपको प्रशासन मिल जाता है, तो कई तरह के कार्य हो सकते हैं।चार लाख छात्र राज्य सेवा परीक्षा में बैठते हैं, जिनमें से डेढ़ लाख छात्र मुख्य परीक्षा के लिए पात्र होते हैं ,और केवल चार सौ छात्र ही अधिकारी के रूप में चुने जाते हैं। काटोल के प्रतियोगी परीक्षा मार्गदर्शन और अध्ययन केंद्र, काटोलतहसील के लिये महत्वपूर्ण संसाधन है। यह जानकारी काटोल नगरपरिषद के वरिष्ठ सी ओ धनंजय बोरीकर द्वारा इस अवसर अपने मार्गदर्शन कर रहे थे ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता तालुका शिक्षा अधिकारी दिनेश धवड़ ने की।मार्गदर्शक के रूप में मुख्य अधिकारी धनंजय बोरीकर, शिक्षा विस्तार अधिकारी संतोष सोंनटक्के और नरेश भोयर उपस्थित थे।
इस अवसर पर सी ओ धनंजय बोरिकर ने आगे कहा, “मैं एक अधिकारी क्यों और कैसे बनूं, प्रतियोगिता परीक्षाओं की पढाई की तयारी कैसे की जाय? ” इन दो प्रश्नों के उत्तर जानने की जरूरत है। इतिहास की जांच किए बिना भविष्य को आकार नहीं दिया जा सकता है। छात्रों को अपनी पढ़ाई की योजना बनानी चाहिए। स्वयं नोट्स बनाएं।
कार्यक्रम का परिचय शिक्षा विस्तार अधिकारी संतोष सोंनटक्के, संचालन केंद्र के समन्वयक राजेंद्र टेकाडे और आभार केंद्र के समन्वयक एकनाथ खजूरिया ने किया।