प्रवर्तन निदेशालय ED तथा इन्कमटैक्स IT मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तक्रार सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे ने की
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ट्विटर अकाउंट जो RSS@RSSorg नाम से है जिसमे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 20 मई 2020 तक राशन कीट 1 करोड़ लोगो से भी ज्यादा भोजन पैकेट 7 करोड़ लोगो को प्रवासी श्रमिक सहायता 27 लाख अन्य प्रांतियों की सहायता 13 लाख लोगो को दिखाई है इस पर किये गये खर्चो का अंदाजा लगाए तो यह लग भग 1 हजार करोड़ रुपयों का है इस पर जबलपुरे का कहना है की जो संस्था असवेधानिक है जिस कारण उसका बैंक अकाउंट भी नहीं है और प्रथम लॉकडाउन मे जब कोई व्यक्ति घर से बाहर भी नहीं निकाल पा रहा था ऐसे समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इतना पैसा कहा से जमा किया या यह सिर्फ एक जुमला या झूठ था इस लिए जबलपुरे ने धर्मदाय आयुक्त तथा मुख्यमंत्री सचिवालय को इसके विरोध मे पुरावो के साथ तक्रार दाखल की और धर्मदाय आयुक्त ने यह तक्रार यह लिख कर ख़ारिज किया की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम की संस्था नोंदनी अधिनियम 1860 अन्वये या महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वास्त व्यवस्था अधिनियम 1950 अन्वये नोंदनिकृत नहीं है इस लिए इस संस्था पर कारवाई करना प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र मे नहीं है
ऐसे मे सवाल यह उठता है की इस असवेधानिक संस्था ने हजारों करोड़ रुपयों का धन कहा से और कैसे जुटाया या फिर यह सिर्फ एक दिखावा था इस जुटाये हुए अवैद्य धन मे टैक्स चोरी भी दिखाई देती है
समाजकार्य करना और मुसीबत के समय किया हुआ कार्य बहोत ही प्रशंसानिया है परन्तु इसके आड़ मे असवेधानिक संस्था हजारों करोड़ रुपयों के गैर व्यवहार करती है जो गैर कानूनी है
इस लिए इस पर तक्रार हेतू मोहनीश जबलपुरे ने प्रवर्तन निदेशालय तथा इसकी तक्रार की ताके इस पर जाँच हो सके