भड़के ट्रान्सपोर्ट व्यापारियों की एएमसी पर दस्तक
अमरावती। शहर के सभी ट्रान्सपोर्ट व्यवसायियों को महानगरपालिका ने बाजार परवाना अनिवार्य कर दिया है. तद्संबंधि सैकड़ों व्यापारियों को नोटिस थमा दी गई है. जिसमें एक सप्ताह के भीतर बाजार परवाना निकालने का अल्टीमेटम मनपा प्रशासन ने दिया है. जिससे संतप्त ट्रान्सपोर्ट के सभी संगठनों ने एकजुट होकर इसका कड़ा विरोध किया. बुधवार को निगमायुक्त अरुण डोंगरे से मिले ट्रान्सपोर्ट व्यवसायियों के प्रतिनिधि मंडल ने साफ कहा कि पूरे देश में किसी भी महानगरपालिका व्दारा ट्रान्सपोटरों को बाजार परवाना बंधनकारक नहीं किया गया है, लेकिन शहर में इस तरह बाजार परवाना के लिए जोर जबरदस्ती किये जाने से ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय प्रभावित हो रहा
करों के बढ़ते बोझ से परेशान है व्यवसायी
ट्रान्सपोर्ट असो. के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि ट्रान्सपोर्ट व्यवसायी शॉप एक्ट, ग्रीन टैक्स व इन्कम टैक्स जैसे कर चुका रहा है. वह ना ही मनपा अतर्गत कोई चीज खरीद रहे है और नाही कोई चीज बेच रहे है, तो फिर कैसे यह परवाना उन पर लागु होगा. वह केवल व्यापारी व वाहन मालिकों को जोडऩे का काम करते है. इन नोटिस को तत्काल रद्द करे अन्यथा ट्रान्सपोर्ट के व्यवहार बेमियादी बंद किया जाएगा. जिसे अमरावती मोटर मालक वाहतुक संघ, चालक-मालक ट्रक असो, न्यु एकता गिट्टी बोल्डर असो, मालधक्का ट्रक असो, कृषि बाजार लोकल चालक-मालक संघ, मल्टीपरपज ट्रैव्हस असो. जिला टैंकर असोसिएशन का समर्थन है.
2 मार्च को मीटिंग
आयुक्त डोंगरे ने कहा कि मनपा बाजार व परवाना विभाग के मनपा अधिनियम धारा 376 (ब) व 386 के तहत उन्हें बाजार परवाना लेना अनिवार्य है. नोटिस मिलने के 7 दिन के भीतर व्यवसाय परवाना नहीं निकला, तो कार्रवाई होगी. इस बारे में गहन चर्चा के बाद कोई हल नहीं निकाला. इस बारे में ट्रान्सपोर्ट व्यवसायी व व्यापारियों के साथ 2 मार्च को मीटिंग लेने का निर्णय लिया गया है. इस समय अताउल्ला खान, गोपाल तिवारी, विजय शर्मा, दीपक कौसकिया, अ.जमीर, अबरार अहमद, रईस खान, जकीउल्ला, सलीम खान, विलास लिखितकर तथा गजनफर अली समेत अन्य थे.