Published On : Tue, Oct 15th, 2019

‘दृष्टकर्म’ राष्ट्रीय पंचकर्म संगोष्ठी का समापन

Advertisement

नागपुर: भारतीय वैद्यक समन्वय समिति संचालित श्री आयुर्वेद महाविद्यालय नागपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पंचकर्म संगोष्ठी का समापन भारतीय वैद्यक समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में हुआ। समारोह में मंच पर उपस्थित संस्था के सचिव डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख अतिथि येरला मेडिकल ट्रस्ट आयुर्वेद महाविद्यालय, मुंबई के पूर्व प्राचार्य एवं विभागप्रमुख डॉ. यू. एस. निगम, प्राचार्य, आयुर्वेद महाविद्यालय कोट्टकल के डॉ. जयदेवन, डॉ. संतोष भट्टड़, पंचकर्म विभागाध्यक्ष, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली, डॉ. धनराज गहुकर, डॉ. प्रकाश मंगलसेरी, डॉ. सचिन चंडालिया, डॉ. श्रीरंग गलगली, डॉ. आशीष मेहता, डॉ. मनोज शामकुंवर, डॉ. मुकेश शुक्ला मंच पर उपस्थित थे।

राष्ट्रीय पंचकर्म संगोश्ठी में देशभर से कुल 835 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। 200 शोध प्रबंध प्रस्तुत किए गए। राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतर्गत विभिन्न पंचकर्म क्रियाएं जैसे स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन, बस्ति, नस्य एवं रक्तमोक्षण के प्रात्यक्षिक कार्यशाला में दिखाए गए तथा पंचकर्म चिकित्सा की प्रदर्शनी में पंचकर्म की प्रतिकृति, द्रव्यों का संकलन में स्नातक विद्यार्थियों द्वारा क्रियाओं के चलचित्र, रंगोली, चित्रकला आदि का प्रस्तुतिकरण किया गया। संगोष्ठी में संपूर्ण भारत वर्ष से आए पंचकर्म तज्ञों द्वारा चिकित्सक, स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को जटिल व्याधियों में पंचकर्म चिकित्सा के व्याख्यान दिये गये साथ ही उनके प्रात्यक्षिक क्रियाओं का प्रसारण दिखाया गया।

Advertisement
Wenesday Rate
Wed 25 Dec. 2024
Gold 24 KT 76,300/-
Gold 22 KT 71,100/-
Silver / Kg 88,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

संगोष्ठी में 3 स्मारिका ‘दृष्टकर्म’, ‘पंचकर्म चिकित्सा विज्ञान’ एवं ‘स्नातकोत्तर की प्रवेश परीक्षा पुस्तिका’ का विमोचन किया गया। संगोष्ठी में प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें उत्कृष्ट शोध प्रबंध, उत्कृष्ट छायाचित्र, सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतिकरण की श्रेणी में आए हुए विद्यार्थियों का सत्कार किया गया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश शर्मा ने कहा कि प्राचीनतम शोधन चिकित्सा पंचकर्म का आधुनिक स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आज प्रचलित है। पक्वासा समन्वय रूग्णालय से स्नेहन, स्वेदन की प्रारंभता देशव्यापि स्तर पर प्रकांड स्वरूप ले चुकी है। समारोह का संचालन डॉ. अर्चना बेलगे ने किया एवं आभार प्रदर्शन संगोष्ठी सहसचिव डॉ. समीर गिरडे ने किया।

कार्यक्रम की सफलतार्थ डॉ. जयकृष्ण छांगाणी, डॉ. कल्पेश उपाध्याय, डॉ. योगिता बेंडे, डॉ. शिल्पा चाफले, प्राध्यापक डॉ. मनिषा कोठेकर, डॉ. स्नेहविभा मिश्रा, डॉ. बृजेश मिश्रा, डॉ. प्रमोद गर्जे, डॉ. देवयानी ठोकल, डॉ. योगेश बड़वे, डॉ. विनोद चैधरी, डॉ. अश्विन निकम, डॉ. अर्चना बेलगे, डॉ. सुरेखा लांडगे, डॉ. विनोद रामटेके, डॉ. शिल्पा वराडे, डॉ. किरण टवलारे, डॉ. आशीष गोतमारे, डॉ. गोविंद तुंडलवार, डॉ. हरीश पुरोहित, डॉ. उदय पावडे़, डॉ. घनश्याम अंजनकर, डॉ. सपना उके आदि ने अथक प्रयास किया।

Advertisement