नागपुर: नोटबंदी के 50 दिन की मोहलत बीतते ही कांग्रेस ने आक्रामक रुख दिखाना शुरू कर दिया है। देश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा नोटबंदी के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। सरकार विरोधी नारेबाजी की गई। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले को आग लगाकर विरोध दर्शाया। इस बीच बंदोबस्त में लगी पुलिस ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को आकाशवाणी चौक के पास ही रोक लिया। साथ ही लाउडस्पीकर लगे वाहन को भी जब्त कर लिया। पुलिस द्वारा इस तरह के कड़े बर्ताव को भी प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने तानाशाही तरीका करार दिया।
इधर नोटबंदी के विरोध प्रदर्शन के दौरान भी शहर कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर दिखाई दी। कांग्रेस के अन्य बड़े दिग्गज इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने नहीं पहुंचे। सतीश चतुर्वेदी, डॉ. नितीन राऊत जैसे दिग्गज नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग न लेकर पार्टी के भीतर एकता की कमी को फिर एक बार उजागर किया है। प्रदर्शन के दौरान शहर अध्यक्ष विलास ठाकरे, पूर्व मंत्री विलास मुत्तेमवार, विशाल मुत्तेमवार, उमाकांत अग्निहोत्री व अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।
विलास मुत्तेमवार ने कहा कि नोटबंदी के लिए मियाद के इंतजार पूरा हो चुका है। अब सरकार को यह बताना चाहिए कि कितना काला धन आया, कितना धन आतंकवादियों के पास से मिला और कितने नकली नोट बरामद हुए। 1000 व 500 रुपए के नोटों को बंद कर दो हजार का नोट जारी करने का जो कीर्तिमान पीएम ने किया है वह समझ से परे हैं। इससे देश की 126 करोड़ जनता को बहुत परेशानी हुई है। अब भी पैसे नहीं मिल रहे हैं। किसानों को भी काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। मोदी का भरोसा नहीं, ये कभी भी कुछ भी कर सक सकते हैं। इस असफल प्रयोग के लिए वे दोषी हैं।
विकास ठाकरे ने कहा कि इस तुगलकी फरमान को 50 दिन पूरे हो गए हैं। अब सामान्य आदमी का उनपर भरोसा नहीं रहा। अपने ही पैसे निकालने के लिए कतारबद्ध लोगों की मौत की जांच, विशेष जाँच दल गठित कर की जानी चाहिए और मोदी जी पर 302 का मामला दायर किया जाना चाहिए।