नागपुर : कोकण में प्रस्तावित नाणार रिफाइनरी परियोजना के बारे में सरकार पारदर्शी नहीं है. प्रदूषण का असर कोकण निवासियों पर क्या होगा, जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना और नाणार परियोजना में कम अंतर के कारण भविष्य में खतरा हो सकता है, ऐसे कई सवाल लोगों के मन में है.
जब तक इन सवालों के जवाब केंद्र और राज्य सरकार की और से मिलते नहीं तब तक कांग्रेस का इस परियोजना के लिए विरोध रहेगा. लेकिन हमारा विरोध शिवसेना जैसा अंधा विरोध नहीं है. यह ठोस प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौव्हान ने दी.
चव्हाण ने नाणार परियोजना के साथ राज्य के वित्तीय संकट के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला किया. उन्होने कहा नाणार परियोजना के लिए कांग्रेस का विरोध राजनितिक नहीं बल्कि तार्किक आधार पर है. स्थानीय लोगों के जीवन को खतरे में डालकर हम इस परियोजना को कभी होने नहीं देंगे. सरकार इस परियोजना की जानकारी छिपा रही है। इस परियोजना से कितनी दूरी पर प्रदूषण होगा इसके बारे में केंद्र और राज्य सरकार जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है.
इस बीच प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ अनिल काकोडकर ने जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना और प्रस्तावित परियोजना का अंतर सगरी मार्ग से दो किमी से भी कम है, इसलिए खतरे की संभावना बताई है. दुनिया में ऐसी दो परियोजनाएं इतनी कम दूरी पर कही नहीं है.
नाणार परियोजना के लाभ-नुकसान और परियोजना की शर्ते सरकार को पहले स्पष्ट करना होगा. इसके बगैर यह परियोजना बनाने का विचार सरकार ने नहीं करना चाहिए. ऐसी कांग्रेस की भूमिका है और इसलिए हम इस परियोजना का विरोध कर रहे है, ऐसा चव्हाण ने कहा