Published On : Thu, Feb 7th, 2019

CBI पर प्रताड़ना के आरोप, तंग आकर खुदकुशी करने की दी चेतावनी

नागपुर: पहले से ही विवादों में घिरी केंद्रीय जांच एजेंसी CBI पर अब प्रताड़ना के आरोप लगे हैं। ये आरोप लगाए है नागुपर के रहने वाले एक शख्स शांताराम पाटील ने। दरअसल, शांताराम ने केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक वीआर हनवटे को रंगे हाथों रिश्वत लेते CBI के हाथों गिरफ्तार करवाया था। जिसके बाद CBI ने रिश्वत के आरोपी हनवटे के खिलाफ कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी थी। शांताराम का कहना है कि जब रश्वत के तौर पर दिए गए एक लाख रुपए वापस न मिलने पर उन्होंने इस रिपोर्ट पर आपत्ती लगाई तो CBI के अधिकारी उन्हें प्रताड़ित करने लगे। शांताराम ने अब न्याय की गुहार लगाते हुए आत्महत्या जैसा कदम उठाने की भी चेतावनी दी है।

गंभीर बीमारी से पीड़ित शांतराम पाटील ने पत्रकार वार्ता में बताया कि वह पैरीवर्ल्ड कम्प्यूटर नाम की एक कंपनी में वसूली का काम करते थे। कपंनी का केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड पर करीब 16 लाख 50 हजार रुपए का बिल बकाया था। बोर्ड के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक वीआर हनवटे इस बिल को पास करने के लिए बकाया राशि का 20 प्रतिशत रिश्वत के तौर पर मांग रहे थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत सीबीआई नागपुर में की। 3 सितंबर 2013 को CBI ने शांताराम को एक लाख रुपए लेकर हनवटे के पास जाने को कहा। जैसे ही शांताराम ने हनवटे को ये पैसे दिए CBI अफसरों ने अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया। इसकी जांच डीएसपी विजय कुमार को सौंपी गई थी। इसकी बाद वह निजी कारणों से झांसी चले गए। इसकी जानकारी उन्होंने CBI को भी दी थी।

Gold Rate
Monday 27 Jan. 2025
Gold 24 KT 80,400 /-
Gold 22 KT 74,800 /-
Silver / Kg 90,900 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

शांताराम ने बताया कि मई 2015 में पैरीवर्ल्ड कम्प्यूटर के मालिक संजय सिन्हा ने ट्रैप के लिए दी गई एक लाख की राशि वापस लेने के लिए CBI को पत्र लिखा। इस पत्र का जवाब देते हुए CBI ने कहा कि मामले में क्लोजर रिपोर्ट फाईल की गई है और यह राशि कोर्ट से ही वापस ली जा सकती है। इसके बाद सिन्हा ने कोर्ट में CBI की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ती दर्ज की। शांताराम ने कहा कि इस आपत्ती के बाद CBI नागपुर, भोपाल व दिल्ली कार्यालय से फोन पर आपत्ती वापस लेने का दबाव बनाया जाने लगा। धमकी भरे फोन आने लगे।

ऐसा नहीं करने पर सीबीआई के अफसर अवनीश कुमार ने सितंबर 2015 में संजय सिन्हा को पूछताछ के लिए गेस्ट हाउस में बुलाया। यहां पर उन्होंने सिन्हा पर CBI एसपी संदीप तामगडे और हनवटे को गिरफ्तार करने वाले इंसपेक्टर प्रदीप लांडे के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं इस दौरान उनके साथ मारपीट भी की गई। इसकी शिकायत उन्होंने गिट्टीखदान थाने में दर्ज कराई थी।

रिश्वतखोरी के इस मामले में कुछ लोगों पर FIR भी दर्ज की गई थी जिसमें से एक इंस्पेक्टर लांडे भी थी। लांडे सहित अन्य ने हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने CBI को फटकार लगाते हुए FIR रद्द करने के निर्देश दिए थे।

Advertisement